बीजेपी सत्ता में किसी एक जाति एक वर्ग धर्म के आधार पर सत्ता में नहीं है, बीजेपी को सारे देश के लोगों को साथ मिला है, चिंता हमें नहीं करनी चिंता उन्हें करनी है जिनका अस्तित्व मिट रहा है।
योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य किसी तार्रूफ के मोहताज नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्य का जन्म प्रतापगढ़ में हुआ। पढ़ाई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पूरी हुई। वहीं, एलएलबी की पढ़ाई की उसी दौरान कांशीराम के मिशन से राजनीति में भी आए। माननीय श्री मौर्य श्रम विभाग, सेवायोजन, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन विभागों के मंत्री हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य से ऑब्जर्वर डॉन के एडिटर इन चीफ डॉ. हरिओम त्यागी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति और श्रम विभाग, सेवायोजन, शहरी रोजगार और गरीबी उन्मूलन को लेकर विस्तार से चर्चा की। पेश है बातचीत के अंश।
सवाल – आप सामाजिक कार्यों में काफी संलग्न रहते हैं। गरीबी उन्मूलन विभागों के मंत्री भी हैं। आपके मंत्रालय के द्वारा कौन-कौन से कार्य मौजूदा समय में करवाये जा रहे हैं...और कौन-कौन सी प्रमुख जिम्मेदारियां आपके पास हैं।
जवाब – बीजेपी सरकार की पहली कोशिश ये है कि देश से गरीबी खत्म हो जाए। गरीबी खत्म करने के लिए सरकार ने कई जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई है। श्रमिकों को उनके भत्ते, मजदूरों को मजदूरी एवं कामगारों ने उनकी पेंशन, भत्ते समय पर मिले यह हमारी पहली प्राथमिकता है। हम लगातार इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं और लगातार श्रमिकों को इसका फायदा भी मिल रहा है।
भारतीय सामाजिक व्यवस्था है। उसमें जो निचले पायदान पर लोग हैं उन्हें बराबरी के स्थान पर लाना आवश्यक है। सत्ता में भी बराबरी की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए। इसके अलावा भी समाज में बराबरी के लिए सभी तरह के फायदे इन्हें मिलने चाहिए। सालों साल से जो लोग निचले पायदान पर थे उन्हें सामान विकास का अवसर मिले।
लोकतंत्र में सब कुछ संभव है। राजनीतिक भागीदारी से। अनुसूचित जाति जनजाति या पिछड़ी जाति के लोगों को समान हिस्सेदारी हो। टिकट बंटवारा समान रूप से हो। इसके अलावा राजनीति के क्षेत्र में मुख्य रूप से हमारे पास श्रम विभाग है। हम मुख्य रूप से श्रमिक विभाग में काम करते हैं। श्रमिक जिसमें 15 हजार रुपये से कम वेतन भोगी हैं। उनके लिए ईएसआई पीएफ आदि योजनाओं से पोषित किया जाता है। इसके अलावा लघु किसान यो छोटो कामगार मजदूर ठेले पटरी वाले और सभी तरह के कामगार एवं महिलाएं कामगार और मानदेय पर काम करने वाले वर्ग के लोगों को फायदा पहुंचाने का काम हमारी सरकार कर रही है। गांव देहात में मनरेगा काम करने वाले मजदूर और सभी तरह के कामगारों का पंजीयन हम करते हैं। इसके लिए बोर्ड का गठन हुआ 2009 में, 2009 से 2017 तक में इनका पंजीयन था मात्र 36 लाख। हमने साढ़े चार साल में इस आंकड़े को एक करोड़ 25 लाख के पार पहुंचा दिया है। पूर्व सरकारों के कार्यकाल में कुल लाभार्थियों की संख्या थी मात्र 7 लाख। और हमारी सरकार में पिछले साढ़े चार साल के दौरान लाभार्थियों की संख्या है 70 लाख। आज इसमें कुल कामगार लाभार्थियों की संख्या 77 लाख है। इसमें 7 लाख का आंकड़ा पूर्व की सरकार के लाभार्थियों का है। 70 लाख का आंकड़ा हमारी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल का है।
श्रमिक परिवार की कन्याओं की शादी कराकर मदद करती है सरकार:
श्रमिक परिवारों को हम ना सिर्फ रोजगार देकर बल्कि और दूसरे माध्यमों से भी मदद पहुंचाने का कार्य करते हैं। हाल ही में गाजियाबाद में श्रमिक परिवार की 2006 कन्याओं का हमने सामूहिक विवाह करवाया है। इस कार्यक्रम में हमारी सरकार के सभी एमपी, एमएलए तो शामिल थे ही साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भी शिरकत करने आना था। लेकिन, कुछ व्यस्तताओं के चलते वो इसमें शामिल नहीं हो पाए। लेकिन, फिर भी मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन सभी को संबोधित किया।
और इसी प्रकार मुख्यमंत्री कई श्रमिक कार्यक्रमों में जाते रहते हैं। अभी अयोध्या में हम साढ़े चार हजार जोड़ों की शादी करवाने जा रहे हैं। यहां श्रमिकों के परिवार की कन्याओं को आशीर्वाद देने मुख्यमंत्री जी अवश्य पहुंचेंगे। तो इसी प्रकार से हमने श्रमिकों के लिए 17-18 जनकल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं।
सभी जाति धर्म के श्रमिक परिवारों को मदद पहुंचाना उद्देश्य है:
अब मैं आपको यहां ये भी बताना चाहूंगा कि हमारी योजना है सभी श्रमिकों की बेटियों के लिए है। अब श्रमिक हिन्दू हो या मुसलमान या फिर किसी भी धर्म या जाति का हो। क्योंकि श्रमिक तो श्रमिक होता है वो जाति धर्म से कोई भी हो सकता है लेकिन हम केवल इस बात पर ध्यान देते हैं कि बेटी श्रमिक परिवार से हो और शादी योग्य हो, हम उसकी मदद करते हैं।
अब अगर मैं आपको गाजियाबाद का ही उदाहरण दूं तो 1426 हिन्दू जोड़ें थे। 824 मुस्लिम जोड़े थे। और बौद्ध धर्म के जोड़ों भी थे। इनकी शादी के लिए इन्हीं के धर्म के धर्मगुरु वहां मौजूद थे। मुस्लिम के लिए काजी, हिन्दुओं के लिए पुरोहित और बौद्ध के लिए भंते वहां मौजूद थे। तो कुल मिलाकर हमारा कार्य करने का तरीका धर्म पर आधारित नहीं होता। हमारी सरकार सभी के लिए एक समान विचारधारा के साथ कार्य करती है।
धर्म के आधार पर योजनाओं का लाभ नहीं देते बल्कि हम श्रमिक को श्रमिक आधार पर योजना का फायदा देते हैं। हम श्रमिक का पंजीयन करते हैं। उसके कार्य की विवेचना करते हैं। श्रमिक के योगदान पर विचार करके उसके योगदान के आधार पर योजना का लाभ उसे देते हैं।
सवाल – उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं...बीजेपी पूरी तरह से चुनावी मोड में है। कार्यकारिणी की बैठक में भी उत्तर प्रदेश के चुनावों पर विस्तार से चर्चा हुई है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि बीएसपी के साथ एएसपी का गठबंधन हो सकता है। उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर आपकी ओर से क्या तैयारियां हैं।
जवाब – भारतीय जनता पार्टी का मूल मंत्र है। सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास। आज किसी एक जाति किसी एक वर्ग किसी एक धर्म के बलबूते पर बीजेपी सत्ता में नहीं है। बल्कि सभी वर्ग, धर्म, समाज के लोगों का अपार स्नेह और साथ मिला। और इसलिए जब हमारा वो पहले से ही मूलमंत्र है। और इसलिए हमारे साथ सभी धर्म, समाज और वर्ग के लोग खड़े हैं। तो चिंता हमें नहीं करनी है। चिंता उन्हें करनी है जो राजनीति के अखाड़े से बाहर हो गए हैं। जिनका वजूद खत्म हो रहा है। जिनका अस्तित्व मिट रहा है। जिनकी राजनीतिक पहचान सिमटती जा रही है। ऐसे लोगों को चिंता है। भारतीय जनता पार्टी को सभी का समर्थन है। सभी जगह बीजेपी का परचम लहरा रहा है।
2014 का लोकसभा का चुनाव हो या फिर 2017 का विधानसभा का चुनाव। हर जगह बीजेपी लगातार जीत दर्ज कर रही है। या फिर 2019 का लोकसभा का चुनाव रहा हो। अब 2022 का विधानसभा का चुनाव होगा। फिर से बीजेपी का परचम लहरायेगा। इसलिए चिंता उन्हें करनी है जिनका अस्तित्व खतरे में है।
सवाल – पश्चिमी उत्तर प्रदेश का किसान मौजूदा सरकार से नाराज है। बीजेपी को भी यहां कुछ डेंट लगा है। इसकी भरपाई कैसे करेंगे?
जवाब – इसमें कोई दो राय नहीं है कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है। हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसान है। किसानों ने अपनी पूरी ताकत झोंककर हमारी सरकार बनवाई। और इसलिए हमारी सरकार किसानों के प्रति समर्पित है। और हमारी सरकार काम भी कर रही है।
उत्तर प्रदेश में किसानों को मिल रहा है फायदा:
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी ने पहली कैबिनेट में 84 लाख किसानों को ऋण माफ किया। 36 लाख करोड़ रुपये जिसपर खर्च आए। ये हमारी सरकार का पहला निर्णय़ था। यह इसीलिए था क्योंकि किसान हमारी प्रमुखता है। किसानों के लिए हम समर्पित हैं। किसानों का हम सम्मान करते हैं। समय समय पर किसानों को समर्थित मूल्य दिलवाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करते हैं। समय समय पर पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में, तीन गुना चार गुना पांच गुना ज्यादा हम गेहूं और धान की खरीद करते हैं। गन्ना किसानों की फसल का भुगतान भी पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में हम सात आठ गुणा से भी ज्यादा दे रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने अपने कार्यकाल के दौरान मात्र 15 हजार करोड़ रुपये गन्ना किसानों को दिए थे। हम साढ़े चार साल में एक लाख 43 हजार करोड़ रुपये अब तक गन्ना किसानों को भुगतान कर चुके हैं।
किसानों की सभी तरह के ऋणों को ब्याज मुक्त करने की व्यवस्था की गयी है। फसल बीमा योजना का लाभ अलग से किसानों को मिल रहा है। वन नेशन वन मार्केट के हिसाब से अब किसान अपनी फसल किसी भी मंडी में ले जा सकता है।
अब बात कृषि कानून की अगर करें तो, ये बात ठीक है कि जो कृषि कानून आए उन पर कुछ किसानों को ऐतराज है। हमारा केंद्रीय नेतृत्व लगातार किसानों से बात कर रहा है। इस मुद्दे का जल्दी से जल्दी हल निकले इस बात पर गंभीरता से विचार विमर्श कर रहा है। और इस मामले में कुछ किसान नेताओं ने ही सर्वोच्च न्यायालय में ही इस मामले को डाल दिया। अब माननीय सर्वोच्च न्यायालय में जाने के बाद हमारे हाथ भी कुछ बंधे हुए हैं। हम अब सीधे किसान को लेकर इस मामले पर बात नहीं कर सकते। अब सर्वोच्च न्यायालय जो भी अपना निर्णय देगा वो हमे हमारी सरकार को मंजूर होगा।
और हम हमेशा किसान के साथ हैं। किसानों के साथ ही रहेंगे और आगे भी रहेंगे। क्योंकि हमारी सरकार में तो ज्यादातर लोग किसान कृषि के परिवेश से ही यहां आए हैं।
सवाल – 2022 में आपका चुनावी मुद्दा क्या है? क्योंकि बीजेपी का नारा था कि सभी गरीबों को आवास मिल जाएगा। लेकिन, ये 2022 तक मुमकिन होता नहीं दिख रहा है।
जवाब - आजादी के लंबे अरसे बाद, देश की आम जनता ने देश में पहली बार इस बात का अहसास किया कि सरकार हमारी है। हमारी सरकार ने देश की महिलाओं के लिए घर में चूल्हे की व्यवस्था की, घर के महिला पुरुषों के लिए घर के बाहर शौचालय बनाने का काम किया ताकि वह सुरक्षित रह सके। सड़कों की सुविधा अलग से दी है।
यहां तक की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहयोग देकर उन्हें भी सम्मान के साथ विकास करने का अवसर दे रहे हैं। इसके साथ ही साथ जो गरीब लोग धन की दिक्कत के चलते बगैर इलाज के दम तोड़ देते थे, उनके परिवार को हम 5 लाख रुपये तक की निशुल्क इलाज के लिए सुविधा दे रहे हैं।
लगभग 6 करोड़ 10 लाख परिवार इस योजना से आच्छादित है। तो इस तरह से सरकार मदद कर रही है। और जब कोरोना महामारी आयी, तब भी सरकार ने जितने भी जनरल खाता धारक हैं सरकार ने 20-20 हजार रुपये से मदद की। और इसी तरह से अनेकों अनेक योजनाएं चल रही हैं। ये तो हमने आपको दो चार के बारे में ही बताया है। और यह वो योजनाएं हैं जो आम लोगों तक पारदर्शिता के साथ पहुंच रही हैं। हर एक योजना का लाभ सीधे उनके खाते में जा रहा है। बिचौलियों का खात्मा हो चुका है। भ्रष्टाचार गायब हो गया है। आज पारदर्शी तरीके के साथ सभी लाभार्थियों तक लाभ शत प्रतिशत पहुंच रहा है।
सवालों के जवाब के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी जीवन के निजी अनुभव और राजनीति में सक्रिय हिस्सेदार के बावजूद भी वो अपने परिवार को किस तरह से समय देते हैं, जानकारी दी है। साथ ही और भी कई राजनीतिक मुद्दों पर अपने विचार रखे।