ऐसी वैसी बातों से तो खामोशी ही अच्छीे है,
या कुछ ऐसी बात करों जो खामोशी से अच्छीे हो
उर्दू के एक बड़े शायर नवाज देवबन्दीत के इस शेर को अगर किसी ने पूरे अकीदे से साथ अपनी जिन्द गी में उतारा तो वो भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ही है. एक छोटे से गांव से निकलकल दुनिया भर में अपने नाम प्रतिभा का लोहा मनमाने वाले मनमोहन सिंह का आज जन्मश दिन है.
मनमोहन सिहं को अच्छेन से जानने वाले और उनके करीबी लोगो का मानना मानना है कि वो बचपन को पढ़ाई को लेकर इसने सीरियस रहते थे कि जब उनके घर में लाइट नही होती थी तो वो सड़क पर बैठकर स्ट्री़ट लाइट की रोशनी में पढ़ाई करते थे.
मनमोहन सिह पंजाब 12 वीं पास की फिर उच्चघ शिक्षा के लिए ब्रिटेन के कैब्रिज विश्वरविधालय में पढने के लिए चले गये. वो कैब्रिज में सबसे होनहार छात्रों में एक रहे. कैब्रिज से डिग्री लेने के बाद उन्होैने ऑक्सफोर्ड यूनिवसिर्टी से डी फिल किया.
विदेश में उच्चव शिक्षा हासिल करने के बाद वो वापस अपने देश आ गये और यहां आकर पंजाब विश्वेविधालय में एक प्रोफेसर के रूप में काम करने लगे. कई सालों तक प्रोफेसर के रूप में काम करने के बाद यूएनसीटीएडी सयुक्तर राष्ट्र सचिवालय की वो संस्था जो व्या.पार, निवेश और विकास को लेकर काम करती है, उसके कार्यरत हो गये. इसके बाद वो वाणिज्यी मंत्रालय में आर्थिक सलाहाकार के रूप में काम करने लगे. फिर आरबीआई के गर्वनर के रूप में उन्हो्ने काम किया और इस तरह उनका ये सफर देश के पीएम तक जाकर रूका.