आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली उच्च न्यायालय की युगल पीठ के भारतीय जनता पार्टी शासित तीनों निगम को सेवानिवृत्त और मौजूदा कर्मचारियों को पांच अप्रैल तक वेतन एवं पेंशन देने के आदेश पर खुशी जाहिर की है।
आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज यहां पत्रकारों से कहा कि दिल्ली सरकार का कोई बकाया नहीं होने की वजह से दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीनों निगम के आयुक्त को पेंशन और वेतन देने का सीधे आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने सेवानिवृत्त और मौजूदा कर्मचारियों के वेतन एवं पेंशन के लिए आयुक्तों को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार भी ठहराया है।
भारद्वाज ने कहा कि 9 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय की युगल पीठ, जिसमें न्यायाधीश विपिन सांगी और रेखा पल्ली हैं, उन्होंने दिल्ली नगर निगम के रिटायर्ड और मौजूदा कर्मचारियों की व्यथा को सुनते हुए एक बहुत महत्वपूर्ण आदेश तीनों नगर निगमों के आयुक्तों को दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में एमसीडी में काम कर रहे हैं और सेवानिवृत्त कर्मचारियों जैसे- टीचर, डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी और अन्य अधिकारियों की पेंशन एवं वेतन भाजपा शासित एमसीडी ने कई महीनों से नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि वेतन और पेंशन को लेकर इन कर्मचारियों ने हड़ताल करके देख ली, बातचीत करके देख ली, मगर उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है। इस वक्त नगर निगम के हालात बेहद बदतर हैं। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने यह सोचा था कि सिर्फ बहानेबाजी करके, दिल्ली सरकार पर आरोप लगाकर वह निगम के काले कारनामों को ढंक सकते हैं, मगर दिल्ली नगर निगम की पांच सीटों पर हुए उपचुनाव के जो नतीजे आए हैं, उसके अनुसार दिल्ली वालों ने उनकी बहानेबाजी को पूरी तरीके से ठुकरा दिया है और भाजपा को पांच में से जीरो सीट दी है।