लीवर क्यों होता है खराब
लीवर को यकृत और जिगर के नाम से भी जाना जाता
है। हमारे शरीर का स्पंज जैसा यह नाजुक अंदरुनी अंग यदि खराब हो जाए तो पूरे शरीर
की सेहत पर असर डालता है। लीवर की बीमारी का समय पर इलाज नहीं होने पर यह गंभीर
समस्या बन सकती है। इस लेख के जरिए हमारा प्रयास आपको यह जानकारी देना है कि आखिर लीवर की बीमारी के लक्षण क्या हैं और किस
तरह इससे बचाव संभव है।
कारण : लीवर की
बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। लीवर की बीमारियां बढ़ने के मामलों का संबंध
हमारी खराब जीवन शैली है। बच्चों में यह बीमारी जीन और एंजाइम डिफेक्ट्स की वजह से
होती है। वर्तमान में चार भारतीयों में से एक का लीवर फैटी (चर्बीदार) होता है और
अत्याधिक चर्बी होने के कारण इनमें से दस प्रतिशत लीवर की बीमारियों के शिकार हो
सकते हैं। यह स्थिति मधुमेह और दिल की बीमारी का पूर्व लक्षण है और मधुमेह के मरीज
को अन्य की तुलना में लीवर की बीमारी अधिक देखने को मिलती है। सामान्यत: 70 फीसदी मामलों
में लीवर संबधी रोग हैपिटाइटिस, हैपिटाइटिस बी और सी की वजह से होता, लेकिन भारत में
इसका मुख्य कारण हैपिटाइटिस सी वायरस है। अक्सर ज्यादा और लंबे समय तक शराब पीने
की वजह से भी लीवर खराब हो जाता है। 30 फीसदी मामलों में लीवर संबंधी रोगका कारण हमारा खान-पान और
रहन-सहन होता है। विशेषज्ञों के मुताबिक 90 फीसदी मामलों में लिवर कैंसर खराब लीवर में ही होता है। 10 फीसदी मामले ही
ऐसे होते हैं जब सामान्य लीवर में ट्यूमर बन जाते हैं।
लक्षण : पैरों में
सूजन आना, पेट में पानी का
बनना, खून की उल्टी
होना, शरीर में अंदरूनी
तौर पर खून का बहना आदि ऐसे लक्षण हैं, जो लीवर संबंधी रोग के बारे में इंगित करते हैं। शुरूआत में
ही पता चल जाने पर यदि उचित ध्यान दिया जाए तो लीवर रोग का त्वरित उपचार संभव है।
समय रहते रोग की जानकारी नहीं होने से यह गंभीर समस्या बन जाती है और इसके आखिरी
चरण में पहुंचने पर तो दवाएं भी काम करना बंद कर देती हैं, ऐसे हालात लीवर
का प्रत्यारोपण ही एकमात्र विकल्प होता है।
बचाव : अव्यवस्थित
जीवनशैली और खान-पान के कारण फैटी लीवर (लीवर पर चर्बी जमना) की समस्या पैदा होती
है। यदि हम अपना रहन-सहन और खान-पान सुधारकर रोजना सुबह-शाम करीब दो-दो किलोमीटर
टहलें तो इस समस्या से बचाव हो सकता है। इसके साथ ही तले-भुने, गरिष्ठ, मसालेदार भोजन और
फास्ट फूड आदि की अधिकता से यदि बचा जाए तो लीवर को स्वस्थ रखा जा सकता है।
खान-पान में
एहतियात : लीवर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि
व्यवस्थित जीवनशैली के साथ ही खानपान भी अच्छा होना चाहिए। भोजन में हरी सब्जियों
का सेवन अधिक से अधिक करना चाहिए। मूली, पालक,
पत्तगोभी, सरसों, ब्रोकली आदि के साथ
ही अंकुरित दाल-अनाज मूंग,
गेहूं, चना आदि का सेवन
करना चाहिए। साथ ही भोजन में लहसुन और अदरक का भी प्रयोग नियमित रूप से किया जाना
चाहिए।