आज यूनाइटेड नेशन में संयुक्त
राष्ट्र महासचिव के द्वारा जलवायु शिखर सम्मलेन का आयोजन होगा. जिसमे एक युनिवर्सल
हेल्थ कवरेज़ पर एक उच्च स्तरीय बैठक भी होगी. 74 वें जरनल असेंबली की शुरुआत के
बाद 24 सितम्बर से यूनाइटेड नेशन में सतत विकास के मुद्दे पर भी चर्चा की जाएगी
24 सितम्बर - सतत विकास पर चर्चा
24 -25 सितम्बर - जलवायु परिवर्तन पर चर्चा
26 सितम्बर - डेवलपमेंट फॉर फाइनेंसिंग और परमाणु हथियारों के उन्मूलन पर एक उच्च-स्तरीय बैठक
27 सितंबर को स्माल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स की प्रगति की समीक्षा
यूनाइटेड नेशन की इस महासभा में 200 देशों के मुख्य प्रतिनिधि शिरकत करेंगे जिसमे जलवायु
परिवर्तन, मध्य पूर्व में अस्थिर स्थिति, और ट्रेड वॉर सहित वैश्विक मूल्य के राजनयिक मुद्दे
इस महासभा की डिबेट के मुख्य विषय रह सकते है.
यूनाइटेड नेशन की महासभा में 26 सितंबर को, डेवलपमेंट
फॉर फाइनेंसिंग और परमाणु हथियारों के उन्मूलन पर एक उच्च-स्तरीय बैठक होगी.
इसके बाद 27 सितंबर को स्माल आइलैंड डेवलपिंग स्टेट्स (एसआईडीएस) को प्राथमिकता
देने के लिए इसकी प्रगति की समीक्षा के जाएगी.
यूनाइटेड नेशन की महासभा में जलवायु परिवर्तन की महासभा में इस बार अमेरिकी
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, और ब्राजील
के प्रधान मंत्री जायर एम दूरी बना सकते है इसके अलावा ऐसे कई प्रमुख राष्ट्र
अध्यक्ष है जो जलवायु मुद्दे पर होने वाली चर्चा में शामिल नही होंगे इनमें चीन के
राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इजरायल
के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और कनाडा
के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नाम भी शामिल है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जलवायु परिवर्तन की चर्चा पर महासभा में मौजूद रहेंगे.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान आज यूएन महासभा में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर बोलेंगे.
ब्रिटेन के प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन, ब्रेक्सिट के मुद्दे पर चर्चा कर सकते है.
इसके अलावा फ्रांस के इमैनुअल मैक्रॉन, जर्मनी की एंजेला मार्केल और आयरलैंड के लियो
वरादकर संयुक्त चर्चा के लिए एक बैठक करेंगे.
अमेरिका और सऊदी अरब को ईरान के खिलाफ अपना सयुंक्त रवैया पेश कर सकते है, वैसे भी
महासभा शुरू होने से पहले यह उम्मीद लगाई जा रही थी कि ट्रंप की मुलाक़ात ईरान के
राष्ट्रपति हसन रूहानी से हो सकती है लेकिन 14 सितम्बर को सऊदी अरब के दो बड़ी तेल
रिफाइनरी पर हुए हमले के बाद यह सम्भावना भी बिलकुल खत्म हो गई है. क्योंकि सऊदी
अरब ने ईरान को इस हमले का दोषी ठहराया है.
इसके जवाब में ईरान भी अमेरिका के खिलाफ अपना ब्यान महासभा में जारी कर सकता है. गल्फ
में चल रहे इस टकराव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र भी द गल्फ सिक्योरिटी प्लान नाम
की एक योजना पेश कर सकता है जो कि गल्फ क्षेत्र से जुड़े शान्ति और सहयोग के लिए
होगी.