कारगर सिद्ध हो रही है उत्तर प्रदेश सरकार की मुहिम
आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा सूबा होने के बावजूद देखा जाए जो उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण अभी अनुपातिक रूप से नियंत्रण में है। इस संदर्भ में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह, अवनीश कुमार अवस्थी ने दावा किया है कि जनसंख्या के लिहाज से उत्तर प्रदेश में कोरोना के केस अपेक्षाकृत कम होने की मुख्य वजह यही है कि सरकार द्वारा कोरोना के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम कारगर सिद्ध हुई है। अवनीश कुमार अवस्थी ने मीडिया को बताया कि उत्तर प्रदेश में कोरोना को रोकने के लिए की गई हॉटस्पॉट की व्यवस्था की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है। हॉटस्पॉट को लेकर जो रणनीति उत्तर प्रदेश में लागू की है, उसे बाद में अन्य प्रदेशों ने भी लागू किया है और बड़े प्रदेशों में यह रणनीति खासी कारगर सिद्ध हो रही है। अपर प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि प्रदेश में कोरोनारोधी अभियान के तहत अभी तक करीब डेढ़ लाख मकान चिन्हित किए जा चुके हैं। हॉटस्पाट वाले इलाकों की कुल जनसंख्या 8 लाख 95 हजार 21 है। प्रदेश में हॉटस्पॉट की संख्या 125 है। अपर मुख्य सचिव गृह ने कहा कि कोविड-19 के रोजाना कुछ नए केस सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके यदि आबादी के अनुपात में देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में हालात काबू में हैं। प्रदेश में 5387 बैरियर्स स्थापित कर दिए गए हैं जिसके आधार पर प्रदेशभर में चेकिंग की जा रही है। तबलीगी जमात के विदेशी नागरिकों को भी क्वारनटाइन में रख कर देखरेख की जा रही है। साथ ही इनके विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की गई है। 259 लोगों के पासपोर्ट भी जब्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 15 जांच प्रयोगशाल हैं। उन्होंने बताया कि कल 3039 नमूने जांच के लिए भेजे गये, जिसमें से 2800 नमूनों की जांच की गयी। अब तक 34,285 लोगों के नमूनों की जांच की गई जिनमें से 32,991 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 1,242 लोगों को पृथक वार्ड में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि उत्तर प्रदेश में इस समय कोरोना के कुल मरीजों की संख्या अब 1343 तक पहुंच गई है। इनमें 814 रोगी तबलीगी जमात और उनके संपर्क में आने वाले लोग हैं। प्रदेश में 53 जिले कोरोना से प्रभावित हैं। यूपी में कोरोना से अब तक कुल 22 मौतें हो चुकी हैं, जबकि 162 लोगों स्वस्थ हो चुके हैं। उपद्रवियों, फेक न्यूज और कालाबाजारी पर कसा जा रहा है शिकंजा अपर प्रमुख सचिव गृह ने बताया कि उपद्रवियों, फेक न्यूज और कालाबाजारी पर शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही हैं। फेक न्यूज़ के तीन दर्जन मामले सामने आए, जिसमें फेसबुक के 10, टिक टॉक का एक, ट्विटर के 22 और व्हाट्सएप के दो मामले हैं। इन मामलों के संबंध में साइबर सेल को सूचित करते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि 367 एफआईआर दर्ज हो गई हैं और 463 लोगों के खिलाफ जमाखोरी और कालाबाजारी के अंतर्गत कार्रवाई कर दी गई है। मेरठ और मुरादाबाद में कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की जिसमें कई अधिकारी चोटिल हुए थे। दोनों मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन दर्जन से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जमातियों बिगाड़ा देश-प्रदेश का माहौल उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़ाने में तबलीगी जमात से जुड़े लोग बड़ी वजह हैं। अब तक मिले कुल 1343 मरीजों में 814 तबलीगी जमात और उनके संपर्क में आए हुए लोग शामिल हैं। दरअसल तबलीगी जमात के दिल्ली स्थित मरकज में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद हजारों लोग वहां से निकलकर देशभर में अपने ठिकानों पर चले गए, जबकि उनमें से बहुत से लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके थे। इनमें से अधिकांश जमाती संक्रमण फैलने के बावजूद खुद सामने आकर अपनी जांच कराने के बजाए इधर-उधर जाकर मस्जिदों और मदरसो आदि में छिप गए। इनमें सैंकड़ों विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जो टूरिस्ट वीजा पर भारत आए और यहां नियम कायदों को धता बताकर मजहबी प्रचार में जुट गए।