शिवपाल को डिप्टी स्पीकर बनाने की अटकलों से सपा में हड़कंप

05-04-2022 10:51:18
By : Ravinder Kumar


प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के विधानसभा का डिप्टी स्पीकर बनाये जाने की अटकलों से समाजवादी पार्टी (सपा) में बेचैनी दिखने लगी है।

राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के विधायक चाचा को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के पद से नवाज सकती है। पिछले कुछ दिनो से भाजपा के नेताओं से संपर्क बढ़ा रहे शिवपाल इस पद को स्वीकार करने के लिए तैयार है, यह सवाल भी बड़ा बना हुआ है। खुद के बारे में तरह तरह की अटकलों पर सफाई देने के बजाय शिवपाल सिर्फ यह कह कर खामोश हो जा रहे है कि वक्त आने पर बतायेगे। उनकी यही अदा सपा खेमे को बेचैन किये हुये है। विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी को अगर शिवपाल स्वीकार करते हैं तो वह सदन में अपने भतीजे व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बगल में बैठेंगे । विधानसभा उपाध्यक्ष की सीट सदन में ठीक नेता प्रतिपक्ष के बगल में ही होती है।

पीएसपीएल प्रमुख शिवपाल यादव इटावा जिले की जसवंतनगर विधानसभा सीट से लगातार छठी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। हमेशा की ही तरह इस दफा भी शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के सिंबल साइकिल के चुनाव चिन्ह से निर्वाचित हुए है। 10 मार्च को मतगणना मे जब समाजवादी गठबंधन सत्ता के करीब नही पहुंचा तो शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे अखिलेश यादव की कार्यशैली पर सवाल उठाना शुरू कर दिया । जिससे अखिलेश यादव से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। सपा उन्हें अपना विधायक से ज्यादा सहयोगी दल प्रसपा का अध्यक्ष मानती है ।

होली के अवसर पर मुलायम रामगोपाल अखिलेश यादव के साथ सैफई मे होली खेलने वाले शिवपाल 26 मार्च के बाद यह कह कर बिफर गये कि उन्हे सपा की बैठक मे नही बुलाया गया लेकिन जब 29 मार्च सपा की सहयोगी दलों की बैठक में उन्हे बुलाया गया तो शिवपाल ने बैठक मे शामिल होने के बजाय भर्थना मे भागवत सुनना पसंद किया । इसी बीच 30 मार्च को शिवपाल ने शपथ ग्रहण के साथ ही का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुलाकात तो की ही नवरात्रि के पहले दिन सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फालो करने से उनके भाजपा के साथ जाने के संकेत मिल रहे हैं। इससे पहले उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने व उनकी सीट जसवंत नगर पर उपचुनाव में बेटे आदित्य यादव को उतारने की अटकलें जोरों पर थी।



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