गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान राजधानी में हुई हिंसा से संबंधित टूलकिट मामले की आरोपी निकिता जैकब और शांतनु दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के दफ्तर पहुंचकर जांच में शामिल हुए जहां दोनों से पूछताछ हो रही है।
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने आज बताया कि टूलकिट की कड़ियों को जोड़ने के लिए जांच दल निकिता जैकब और शांतनु को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। दोनों आज द्वारका स्थित साइबर सेल के दफ्तर पहुंचकर जांच में शामिल हुई। इस मामले की एक अन्य आरोपी पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को पहले को पहले ही गिरफ्तार किया गया है।
दिल्ली पुलिस का दावा है कि टूलकिट बनाकर किसानों को भड़काकर हिंसा फैलाने के पीछे खालिस्तान से जुड़े संगठनों की साजिश थी। कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन से जुड़ा एमओ धालीवाल भारत में किसानों की आड़ में माहौल खराब करने की फिराक में था।
पुलिस के अनुसार किसानों को उकसाने के लिए साजिशकर्ताओं ने टूलकिट तैयार की थी जिसमें सरकार का विरोध करने के लिए कार्यक्रम बताया गया था। इसे निकिता जैकब और पर्यावरण कार्यकर्ता शांतनु ने तैयार किया था। उसके बाद दिशा रवि ने इस संबंध में ट्वीट करने के लिए स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग से भी संपर्क साधा था।
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी और इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी लाल किले तक पहुंच गए थे और उन्होंने वहां प्राचीर पर किसानों के झंडे और धार्मिक झंडा लगा दिया था। पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा मामले में 44 मामले दर्ज किए हैं। इनमें अभी तक 143 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं।