संघ प्रमुख मोहन भागवत दो दिवसीय दौर पर हरिद्वार में हैं और उन्होंने रविवार को तीन गंगा घाटों के लोकार्पण के बाद दिव्य प्रेम सेवा मिशन में आयोजित पर्यावरण प्रबोधन कार्यक्रम में भाग लिया तथा कहां कि पॉलिथीन के प्रयोग को रोकने के लिए हमें अपने व्यवहार में बदलाव करना होगा।
पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पर्यावरण समिति हरिद्वार की ओर से इस कार्यक्रम डॉ. भागवत ने कहा कि कोरोना काल में लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हुए हैं। उन्होंने कहा कि पॉलिथीन के प्रयोग को रोकने के लिए हमें अपने व्यवहार में भी बदलाव करना होगा क्योंकि हमने पॉलिथीन को एक बहुत ही अभिन्न अंग के रूप में अपना लिया है और इसके जाल में फंस गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति हजारों साल पुरानी है और पश्चिमी देश भारत के ऋषि मुनियों और हमारी विभिन्न विधाओं पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी विशेषता थी कि शुरू से ही हमारे पास तकनीक थी, जिसके कारण हमारा व्यापार भी आत्मनिर्भर था लेकिन जब से हम ग्लोबलाइजेशन के इस युग में दूसरों की तकनीकपर निर्भर होकर चलने लगे हैं,तब से हमारे यहां पर्यावरण की समस्याएं बढ़ी हैं। इस अवसर पर डॉ. भागवत ने पर्यावरण समिति की पत्रिका का विमोचन भी किया।
भागवत ने यहां कई संतों तथा महात्माओं से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने हर की पौड़ी पर गंगा स्नान करके महाकुंभ मेले के निर्विघ्न संपन्न होने की कामना की।
पर्यावरण समिति के महामंत्री मनोज गर्ग ने बताया कि समिति लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करने और पर्यावरण के संरक्षण जैसे विषयों पर जागरूक करने का काम करती है। कुंभ मेले के दौरान भी समिति की ओर से दूरदराज से आए श्रद्धालुओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है।