कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए लगाये गये लॉकडाउन और इसके कारण उपजी आर्थिक परिस्थितियों ने उपभोक्ताओं की प्राथमिकतायें बदल दीं, जिसका असर चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में टाइटन कंपनी के मुनाफे पर भी दिखा। कंपनी ने आज यह जानकारी दी कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसका कर पूर्व लाभ गत वित्त वर्ष की समान अवधि के आंकड़े 429 करोड़ रुपये से 45 प्रतिशत घटकर 238 करोड़ रुपये रह गया। कंपनी के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सोने के सिक्कों की बिक्री से हुई आमदनी को मिलाकर भी उसकी कुल आमदनी गत वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 9,461 करोड़ रुपये से 34 प्रतिशत घटकर 6,290 करोड़ रुपये रह गयी। सोने के सिक्कों (बुलियन) की बिक्री से हुई आमदनी को हटाने पर कंपनी की कुल आमदनी में 44 प्रतिशत की गिरावट रही। कंपनी ने बीएसई को बताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसकी बिक्री में 89 प्रततिशत का सुधार आया है और यह सुधार खासकर ज्यूलरी की बिक्री होने के कारण आया है। वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही में कुल आमदनी 4,389 करोड़ रुपये रही जिसमें 391 करोड़ रुपये की बिक्री सोने के सिक्कों की रही। गत वित्त वर्ष की समान तिमाही में हुई 4,466 करोड़ रुपये की तुलना में इसमें दो प्रतिशत से कम की गिरावट रही है। सोने के सिक्कों की बिक्री को हटाने पर इस अवधि में कुल आमदनी में करीब 11 प्रतिशत की गिरावट रही। कंपनी ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसके राजस्व में सुधार आने लगा है। हालांकि कंपनी के ज्यूलरी के बिक्री ठीक -ठाक होने लगी है लेकिन उसके चश्मों यानी आईवियर और घड़ियों की बिक्री में अपेक्षाकृत कम सुधार आया है। कंपनी ने बताया कि उपभोक्ता अब सोने की सादी ज्यूलरी की खरीद पर अधिक जोर दे रहे हैं और किसी रत्न या हीरे से जड़ित जेवरातों की मांग कम हो गयी है।