केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि भारत के लिए पारंपरिक चिकित्सा में विश्व गुरु बनने का समय आ गया है। हमें `एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की भावना से काम करना चाहिए और भारत में हील इन इंडिया को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे हमारा देश चिकित्सा पर्यटन का केंद्र बन सके।’’
ठाकुर ने गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित त्रिदिवसीय वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार सम्मेलन-2022 के समापन समारोह में कल शाम कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि भारत जल्द ही आयुष क्षेत्र में यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स के उद्भव का गवाह बनेगा। इसके अतिरिक्त हमें औषधीय पौधों को उगाने में निवेश करना चाहिए। भारत के लिए पारंपरिक चिकित्सा में विश्व गुरु बनने का समय आ गया है। हमें `एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य’ की भावना से काम करना चाहिए और भारत में हील इन इंडिया को बढ़ावा देना चाहिए, जिससे हमारा देश चिकित्सा पर्यटन का केंद्र बन सके।’’
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि यह त्रिदिवसीय आयुष सम्मेलन ऊर्जा का एक केन्द्र साबित हुआ है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आयुष के क्षेत्र को दी गई प्राथमिकता के परिणामस्वरूप वर्ष 2014 में तीन अरब डॉलर का आयुष बाजार आज 18 बिलियन डॉलर अर्थात 22 हज़ार करोड़ रुपए से बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपए तक पहुँच गया है। जो 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। आयुष सम्मेलन के फलस्वरूप आगामी समय में इस क्षेत्र में लगभग 5.5 लाख लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है।
ठाकुर ने कहा कि कोविड-19 जैसी विकट परिस्थिति में भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने अभूतपूर्व वृद्धि हांसिल की है। विश्व जब कोविड से लड़ रहा था, तब पिछले दो वर्षों में भारत के 47 स्टार्टअप ने युनिकॉर्न क्लब में स्थान प्राप्त किया है। जबकि वर्ष 2022 के प्रारंभ में और 14 स्टार्टअप युनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए है, जो सभी के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि आयुष सम्मेलन में श्री मोदी द्वारा घोषित किए गए आयुष पार्क, आयुष मार्क तथा आयुष मंत्रालय द्वारा शुरू किए जाने वाले ई-मार्केट प्लेस आयुष उत्पादों को वैश्विक पहचान देकर नई दिशा प्रदान करेंगे। आयुष मंत्रालय तथा डब्ल्यूएचओ के सहयोग से गुजरात के जामनगर में शुरू होने वाली प्रथम तथा एक मात्र ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन भारत को पारंपरिक चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में वैश्विक पहचान दिलाएगा। हमें आयुष के माध्यम से ‘हिल इन इंडिया’ का संदेश विश्वभर में पहुँचाना है।
उन्होंने युवाओं को आह्वान करते हुए कहा कि आज़ादी के अमृतकाल के बाद आगामी 25 वर्ष में भारत को विश्व गुरु बनाना है। इसमें आयुष की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण साबित होगी। विश्व योग दिवस के आयोजन की तरह ही आगामी समय में विश्व आयुष दिवस भी मनाया जाए इसलिए हमें मिलकर प्रयास करना होगा।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री महेन्द्र मुंजपरा ने इस त्रिदिवसीय कार्यक्रम की सफलता पर गर्व करते हुए कहा कि आयुष के इतिहास में आयुष के क्षेत्र में कुल 9000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ है। इसमें सभी निवेशकों की सक्रिय भागीदारी रही है। इस आयुष सम्मेलन के द्वारा लगभग 5.50 लाख रोज़गार उपलब्ध होने की संभावना है। इस सम्मेलन में कई देशों की भी भागीदारी देखने को मिली है, जो प्रशंसा के पात्र है।
केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्रीपाद नायक ने कहा कि आयुर्वेद यह देश का हरित सोना है। प्रधानमंत्री के नेतृत्त्व में भारत विश्व गुरु बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसमें आयुष क्षेत्र के विकास की भूमिका बहुत ही महत्त्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने विश्व स्तर पर आयुर्वेदिक दवाओं की बिक्री के लिए बाजार मुहैया कराने की दिशा में योग्य आयोजन करने की बात पर जोर दिया। आयुष उपचार पद्धति के विकास के लिए प्रधानमंत्री द्वारा सूचित आयुष वीजा का विचार आगामी समय में बेहद लाभयादी बनेगा।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि देश में आयुष के विकास के लिए पहली बार आयुष सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इस सम्मेलन द्वारा आयुष के क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी। इस सम्मेलन की सफलता के माध्यम से अब हर दो साल में आयुष मंत्रालय द्वारा इस प्रकार के सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।