आम जनजीवन के साथ लगातार त्योहारों को भी प्रभावित कर रहे कोरोना महामारी ने आखिरकार पारंपरिक कांवड़ यात्रा के कदम भी रोक दिए। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के बीच शनिवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इस पर सहमति बनी कि इस वर्ष श्रावण मास में निकलने वाली कांवड़ यात्रा स्थगित रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों से वार्ता के बाद उनकी अपील को जनता तक पहुंचाएं और प्रचारित-प्रसारित कराएं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास से हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें तीनों की ओर से इस बात पर चर्चा हुई कि उनके राज्यों में कांवड़ संघों और धर्म गुरुओं ने कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष श्रावण मास में कांवड़ यात्रा स्थगित रखने का प्रस्ताव दिया है। इस प्रस्ताव पर विचार करते हुए तीनों मुख्यमंत्रियों ने निर्णय किया कि यात्रा को स्थगित कर दिया जाए।
इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के सभी अपर पुलिस महानिदेशक जोन और मंडलायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्हें निर्देशित किया कि अधिकारी स्थानीय स्तर पर अपने-अपने क्षेत्रों में धर्मगुरुओं, कांवड़ संघों, पीस कमेटियों आदि से संवाद करें। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन हो। किसी भी जगह पर पांच से अधिक लोग एकत्रित नहीं होने चाहिए। दो गज की दूरी, मास्क जरूरी का पालन हर हाल में हो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मगुरुओं और कांवड़ संघों से वार्ता के बाद उनकी अपील को जनता तक पहुंचाएं और प्रचारित-प्रसारित कराएं। योगी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर शिवालयों में जलाभिषेक के लिए पांच या उससे कम की संख्या में जाने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सावधानी के लिए व्यवस्थाएं कर लें। इस अवसर पर मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक हितेशचंद्र अवस्थी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।