हिंदुस्तान में नहीं चलेगी तालिबानी सोच: नकवी

18-12-2021 15:37:58
By : Ravinder Kumar


केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि महिलाओं की स्वतंत्रता, सम्मान, सशक्तिकरण एवं संवैधानिक समानता पर तालिबानी सोच और सनक हिंदुस्तान में नहीं चलेगी।

नकवी ने शनिवार को यहाँ राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा आयोजित ‘अल्पसंख्यक दिवस’ कार्यक्रम में कहा कि कभी तीन तलाक की कुरीति-कुप्रथा को कानूनी अपराध बनाने का विरोध, कभी मुस्लिम महिलाओं को मेहरम के साथ ही हज यात्रा की बाध्यता खत्म करने पर सवाल और अब महिलाओं की शादी की उम्र के मामलें में संवैधानिक समानता पर बवाल करने वाले लोग संविधान की मूल भावना के पेशेवर विरोधी हैं। उन्होंने कहा, “अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के राजनैतिक छल" को "समावेशी सशक्तिकरण के राष्ट्रवादी बल" से मोदी सरकार ने ध्वस्त किया है। भारतीय अल्पसंख्यकों की ‘सुरक्षा, समावेशी समृद्धि एवं सम्मान’, ‘संवैधानिक संकल्प’ और भारतीय समाज की ‘सकारात्मक सोच’ का नतीजा है। भारत के बहुसंख्यक समाज की सोच, अपने देश के अल्पसंख्यकों की ‘सुरक्षा और सम्मान के संस्कार एवं संकल्प’ से भरपूर है।

नकवी ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां सभी धर्मों, पंथों, सम्प्रदायों के मानने वालों के साथ-साथ किसी धर्म-पंथ के ना मानने वालों को भी संवैधानिक-सामाजिक सुरक्षा-सम्मान प्राप्त है। आज़ादी के बाद हिंदुस्तान ने पंथ निरपेक्षता अपनाया, जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तानी ने मजहबी कट्टरता अपनाया और वह आज आतंकवाद की फ़ैक्टरी बना हुआ है। मंत्री ने कहा कि पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के संकल्प के साथ सुधार, विकास और समावेशी सशक्तिकरण किया है।

नकवी ने कहा कि मोदी सरकार ने “हुनर हाट” के माध्यम से देश के कोने-कोने से स्वदेशी कारीगरों और शिल्पकारों को एक प्रभावी मंच प्रदान किया है। पिछले छह वर्षों के दौरान सात लाख से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और स्व-रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2014 के बाद छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों- पारसी, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और मुस्लिम- के पाँच करोड़ से अधिक छात्रों को छात्रवृत्तियाँ प्रदान की। लाभार्थियों में 50 प्रतिशत से अधिक लड़कियां शामिल हैं। इसके परिणामस्वरूप, मुस्लिम लड़कियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट जो पहले 70 प्रतिशत था, अब घट कर लगभग 30 प्रतिशत से कम रह गया है, जिसे आने वाले दिनों में जीरो प्रतिशत करना हमारा लक्ष्य है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले सात वर्षों के दौरान 12 लाख से अधिक अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को रोजगार-स्वरोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। पिछले 7 वर्षों के दौरान देश के पिछड़े क्षेत्रों में 49 हजार से अधिक स्कूल, कॉलेज, आईटीआई, सद्भाव मंडप, पॉलिटेक्निक, डिग्री कॉलेज, आवासीय स्कूल, पेयजल और शौचालय की सुविधा, आंगनवाड़ी केंद्र, कौशल विकास केंद्र, कॉमन सर्विस सेंटर्स आदि ढांचागत परियोजनाओं का निर्माण किया है। नकवी ने कहा कि इसके अलावा केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे 'मुद्रा योजना', 'जन धन योजना', 'आयुष्मान भारत योजना', 'किसान सम्मान निधि', 'उज्ज्वला योजना', 'स्वच्छ भारत अभियान', 'हर घर जल योजना', बिजली आदि योजनाओं में 22 से लेकर 37 प्रतिशत लाभार्थी गरीब-पिछड़े अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।

इस मौके पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री जॉन बारला, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सरदार इकबाल सिंह लालपुरा, वाईस-चेयरमैन आतिफ रशीद, आयोग के सदस्य केरसी के देबू, आयोग के सचिव एस के देव वर्मन, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय एवं आयोग के वरिष्ठ अधिकारी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।



Comments

Note : Your comments will be first reviewed by our moderators and then will be available to public.

Get it on Google Play