केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने देश के कुछ हिस्सों में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के मद्देनजर राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से टेस्ट , ट्रैक और ट्रीट यानी कोरोना संक्रमण की जांच, रोगी के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने तथा रोगियों के उपचार की तीन स्तरीय नीति पर तेजी तथा पूरी सख्ती से काम करने को कहा है।
मंत्रालय ने कोरोना महामारी के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए मंगलवार को जारी दिशा निर्देशों में त्रिस्तरीय नीति के साथ साथ कोरोना से संबंधित प्रोटोकॉल को पूरी तरह लागू करने और टीकाकरण अभियान को तेज करने की भी बात कही है। इसके साथ ही विभिन्न गतिविधियों के लिए पहले से जारी मानक संचालन प्रक्रिया को भी सख्ती से लागू करने की केंद्र और राज्य सरकारों को हिदायत दी गयी है। आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाये जाने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है।
नये दिशा निर्देश एक अप्रैल से शुरू होंगे तथा 30 अप्रैल तक लागू रहेंगे।
दिशा निर्देशों में इस बात पर जोर दिया गया है कि कोरोना के खिलाफ अभियान में अब तक देश ने जो कामयाबी हासिल की है उसे बरकरार रखने के लिए हर संभव प्रयास और उपाय किये जाने चाहिए।
दिशा निर्देशों में कहा गया है कि कंटेनमेंट जोन के बाहर सभी गतिविधियां पहले से ही खोली जा चुकी हैं और इसके लिए मानक संचालन प्रक्रिया भी लागू हैं लेकिन उन्हें पूरी तरह तथा सख्ती से लागू किये जाने की जरूरत है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से आरटीपीसीआर की जांच को 70 प्रतिशत तक पहुंचाने को कहा गया है। संक्रमित लोगों का पता चलने पर उन्हें अलग करने तथा संपर्कों का पता लगाने तथा रोगियों का उपचार करने पर भी जोर दिया गया है।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से जरूरत पड़ने पर छोटे तथा बड़े स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाने तथा उनकी निगरानी करने के लिए कहा गया है। कंटेनमेंट जोन में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा निर्देशों तथा उपायों को पूरी तरह लागू करने पर भी जोर दिया गया है।
देश भर में कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क के इस्तेमाल, सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने पर भी बल दिया गया है। राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पहले की तरह स्थिति के आकलन के आधार पर स्थानीय स्तर पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति भी दी गयी है। हालांकि राज्यों के भीतर तथा एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच लोगों तथा सामान और वाहनों के आवागमन पर किसी तरह की रोक नहीं लगायी गयी है।
कुछ राज्यों में कोरोना टीकाकरण की धीमी गति पर चिंता व्यक्त करते हुए इसमें तेजी लाने की बात कही गयी है।