बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि विपक्षी नेताओं और अफसरों की फोन हैकिंग के जरिये जासूसी किये जाना कोई नयी बात नहीं है मगर मामले की गंभीरता के मद्देनजर इसकी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच किये जाने की जरूरत है।
मायावती ने मंगलवार काे ट्वीट किया “ जासूसी का गंदा खेल व ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं किन्तु काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों व पत्रकारों आदि की सुक्षम जासूसी करना अति-गंभीर व खतरनाक मामला जिसका भण्डाफोड़ हो जाने से देश में खलबली व सनसनी फैली हुई है।”
उन्होने कहा “ इस सम्बंध में केन्द्र की बार-बार अनेकों प्रकार की सफाई, खण्डन व तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार व देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच यथाशीघ्र कराई जाए ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।”
गौरतलब है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के साफ्टवेयर पेगासस के जरिये देश में कथित तौर पर राजनीति, पत्रकार जगत से जुडी 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला सामने आया है जिसके बाद सोमवार को संसद में जोरदार हंगामा हुआ। हालांकि, सरकार ने फोन हैकिंग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और रिपोर्ट जारी होने की टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े किए हैं।