भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा ने किसानों के फलों और सब्जियों के नष्ट होने के कारण होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले फ्रीज का विकास कर लिया है ।
संस्थान के निदेशक अशोक कुमार सिंह ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि साैर ऊर्जा से चलने वाले फ्रीज की तकनीक का विकास अभियंत्रण विभाग ने किया है। पूसा फार्म सन फ्रीज के रखरखाव का खर्च शून्य है और इसमें दो टन फलों और सब्जियों को रखा जा सकता है ।
डॉ. सिंह ने कहा कि किसान दिन में सौर ऊर्जा का संग्रह करेंगे और बाजार में नहीं बिके अपने उत्पादों को रात में फ्रीज में रख सकेंगे । यह फ्रीज दस फुट लम्बा , दस फुट चौड़ा और दस फुट ऊंचा है। संस्थान ने आज ही अपनी प्रौद्योगिकी का हस्तान्तरण का समझौता जयपुर की एक निजी कम्पनी से किया। इसका मूल्य साढ़े चार लाख से पांच लाख रुपये के बीच होगा।
उन्होंने बताया कि देश में उत्पादन के बाद करीब 30 से 40 प्रतिशत फल और सब्जियां नष्ट हो जाती है। इसके अलावा करीब दस प्रतिशत अनाज भी पष्ट हो जाते हैं जिससे 80 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होता है। इसके साथ ही पर्यापरण को भी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि अधिक गर्मी वाले स्थानों के लिए तथा बिजली की समस्या वाले जगहों के लिए यह फ्रीज उपयुक्त है। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर कल यहां किसान मेले में इसका लोकापर्ण करेंगे ।