'हिण्डन' का अस्तित्व बचाने को फिर बुलंद हुई आवाज
भाजपा पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने नाले में तब्दील होने से रोकने को पुरजोर तरीके से उठाई मांग
जनसहभागिता से गोमती की तरह किया जाए हिण्डन नदी का संरक्षण और सौंदर्यीकरण
हिण्डन नदी फिलहाल देश-प्रदेश के ऐसे प्रमुख प्रवाहों में शामिल है जो सबसे अधिक प्रदूषित हैं। ऐसे में हिण्डन कभी अपने पौराणिक स्वरूप में लौट सकती है, यह सोचना भी आज एक कल्पना करने जैसा ही है। हालांकि कुछेक नाम ऐसे हैं जो हिण्डन के अस्तित्व को बचाने के लिए जब-तब प्रयास करते रहे हैं। मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित, जलपुरुष कहे जाने वाले राजेन्द्र सिंह, मेरठ मंडल के आयुक्त रहे डॉ. प्रभात कुमार, नीर फाउंडेशन के रमन त्यागी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता, आरटीआई कार्यकर्ता और गाजियाबाद नगर निगम के पार्षद राजेंद्र त्यागी, सामाजिक कार्यकर्ता आकाश वशिष्ठ, भाजपा नेता और सामाजिक संस्था अरण्या के कर्ता-धर्ता संजय कश्यप, 'हरनंदी कहिन' पत्रिका के प्रकाशक दिवंगत प्रशांत वत्स, जलबिरादरी से संबद्ध अधिवक्ता विक्रांत शर्मा आदि कुछ ऐसे नाम हैं जो हिण्डन नदी के अस्तित्व को बचाने के प्रयास करने के लिए जाने जाते हैं। हालांकि अभी तक इस दिशा में बहुत कुछ धरातल पर होता-हुआता नहीं दिखता। हालत दरअसल 'नौ दिन चले अढ़ाई कोस' क्योंकि जैसे-तैसे एक-दो कदम आगे बढ़ाए जाते हैं और फिर किसी न किसी कारण 'हिण्डन बचाओ' अभियान की रफ्तार थम सी जाती है। मेरठ मंडल के आयुक्त रहे डॉ.प्रशांत कुमार के कार्यकाल में जरूर हिण्डन को बचाने की मुहिम ने तेजी पकड़ी थी, लेकिन उनके स्थानांतरण के बाद हालात फिर जस के तस हैं। अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और गाजियाबाद नगर निगम के पार्षद राजेंद्र त्यागी ने हिण्डन का अस्तित्व बचाने को एक बार फिर आवाज बुलंद की है।
वरिष्ठ पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने बीते दिनों पहले तो हिण्डन की दुर्दशा को लेकर एक वीडियो जारी करके इस नदी को नाले में तब्दील होने से रोकने के लिए आगे आकर आवाज बुलंद की थी और इसके बाद बीती पांच जुलाई को उन्होंने इस मामला उठाते हुए महापौर आशा शर्मा और नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर को मांग पत्र दिया। राजेन्द्र त्यागी ने अपने मांग पत्र कहा है कि हिण्डन नदी के पुर्नउद्धार के लिए नगर निगम बीड़ा उठाए। यदि हालात पर काबू नहीं पाया गया तो यह नदी अपना अस्तित्व खो देगी और नाले में तब्दील हो जाएगी।
उन्होंने सुझाव दिया कि जिस तरीके से लखनऊ में गोमती नदी के तट को सुन्दर बनाया गया है, उसी तरह गाजियाबाद नगर निगम भी सिंचाई विभाग, गाजिायाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) और जिला प्रशासन के साथ एक संयुक्त कार्ययोजना बनाते हुए जनमानस को साथ ले और हिण्डन नदी तट का ऐसा ही सौंदर्यीकरण कराए। उन्होंने कहा कि राजनगर एक्सटेंशन से लेकर कनावनी की पुलिया तक नदी के दोनों तरफ पौधारोपण किया जाना चाहिए। साथ ही नदी और उसके किनारों पर पूरी तरह से सफाई कराई जाए। नदी से जलकुम्भी (समुन्द्री सोख) को निकाला जाए और शमशान घाट की तरफ नदी किनारे फैली गंदगी का सही तरीके से निस्तारण किया जाए।
श्री त्यागी ने हिण्डन नदी में गिर रहे नालों को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आज हिण्डन नदी का यह हाल है कि वह गंदे नाले में बदल रही है और शहर के गंदे नाले उसमें आकर गिर रहे हैं। हिण्डन नदी के दोनों तरफ गंदगी के ढेर लगे हैं। मृतकों की राख को हिंडन नदी के किनारे डाला जा रहा है। दोनों किनारों पर बने घाटों व सीढियां बदहाल हो चुकी है। किनारों पर लगाए गए पौधे देखरेख के अभाव में सूख गए हैं। उन्होंने कहा कि हिण्डन नदी को बचाने की मुहिम जल्द ही फिर शुरू की जानी चाहिए
'सब मिलकर हाथ बढ़ाएंगे, हिण्डन को साफ बनाएंगे' का 'नारा' किया बुलन्द
पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने हिण्डन नदी को बचाने के लिए जनसहभागिता अभियान चलाए जाने का आह्वान करते हुए अधिकारियों से कहा कि यदि सब मिलकर इस दिशा में पहल करेंगे तो यह जीवनदायिनी ऐतिहासिक और पौराणिक नदी एक नाले में तब्दील होने से बच जाएगी।
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त पद पर गाजियाबाद में अपनी नियुक्ति के दौरान रामबोध मौर्य और अजय शंकर पाण्डेय ने हिण्डन नदी की साफ-सफाई के लिए सराहनीय कार्य किया। इस मुहिम में सिविल डिफेंस का सहयोग भी लिया गया। कविनगर रामलीला मैदान और महामाया स्टेडियम में हिण्डन महोत्सव भी आयोजित हुए, मगर प्रशासनिक उपेक्षा के कारण अब सब ठण्डे बस्ते में चला गया है।
राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि यदि हमने समय रहते इस नदी को बचाने के लिए अभियान शुरू नहीं किया तो यह अपना अस्तित्व खो देगी। उन्होंने हिण्डन नदी को सभी की जिम्मेदारी बताते हुए इसके प्रवाह को निर्मल और अविरल बनाए रखने में हरसंभव सहयोग करने की अपील की है। इसके लिए उन्होंने नारा बुलन्द किया है 'हम सब मिलकर हाथ बढ़ाएंगे, हिण्डन नदी को साफ बनाएंगे'।
पार्षद राजेंद्र त्यागी का कहना है कि जब शहर के हर नागरिक की इस अभियान में सहभागिता होगी और प्रशासन से लेकर नगर निगम तक सभी सरकारी विभाग हिण्डन नदी को बचाने के लिए प्रयास करेंगे तो एक दिन यह स्वच्छ जल से प्रवाहित दिखाई देगी। वह दिन जनपद के सभी लोगों के लिए गौरव करने का दिन होगा। ऐसा होने पर हम गर्व के साथ बता सकेंगे कि बनारस और लखनऊ की तरह हमारे शहर में भी स्वच्छ नदी बहती है। राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि जब हिण्डन साफ होगी तो यमुना नदी भी साफ होगी और सहायक नदी यमुना के साफ होने का लाभ गंगा नदी को साफ रखने में भी मिलेगा।
हिण्डन की दुर्दशा-गंदगी पर एक वीडियो जारी कर उठा चुके हैं सवाल
आरटीआई एक्टिवस्टि और पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने बीते दिनों एक वीडियो के जरिए हिण्डन नदी हिण्डन नदी की दुर्दशा और गंदगी को लेकर सवाल सवाल उठाते हुए सफाई करने और वृक्षारोपण कर सौंदर्यीकरण अभियान चलाने की मांग की थी। उन्होंने हिण्डन नदी के दोनों तरफ व्याप्त गंदगी से जुड़ा ये वीडियो महापौर आशा शर्मा और नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तंवर को भेज कर उनसे इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की मांग की थी। यह वीडियो नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार सिंह को भी भेजा गया।
श्री त्यागी ने हिण्डन किनारे मृतकों की राख डाले जाने को लेकर भी सवाल उठाए थे। राजेन्द्र त्यागी ने बताया कि शमशान घाट पर नदी किनारे जगह-जगह मुर्दों के गंदे कपड़े और कोरोना दाहसंस्कार के दौरान इस्तेमाल की गयी पीपीई किट पड़ी हैं, जबकि इनका सही तरीके से डिस्पोजल होना बहुत जरूरी है। राजेन्द्र त्यागी ने कहा कि नदी किनारे ये गंदगी हटाई जानी बहुत जरूरी है। यदि कोई यहां से गुजरेगा तो वह बीमार हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूर्व में यहां पौधे लगाए थे, जो रखरखाव के अभाव में सूख गए।
नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तंवर ने दिखाई रूचि
भाजपा पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने बताया कि नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तंवर के समक्ष यह मुद्दा रखा था तो उन्होंने इसे लेकर खासी रूचि दिखाई थी। नगर आयुक्त ने तुरंत ही नगर स्वास्थ्य अधिकारी मिथिलेश कुमार को भी आवश्यक निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा है कि अब छठ पूजा पर यहां औपचारिकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि नदी के किनारों को सुरक्षित करने के साथ ही उसे बचाने के प्रयास किए जाने चाहिएं।
श्री त्यागी ने कहा कि अब से पहले यहां नगर आयुक्त रहते हुए अजय शंकर पाण्डेय ने हिण्डन नदी पर सफाई और पौधारोपण का कार्य कराया था। यहां दोनों किनारों पर उतरने के लिए सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया था। उससे पहले मुख्य नगर अधिकारी रहते हुए आरबी मौर्य ने भी हरियाली को लेकर यहां पर काफी कार्य करवाया था। उन्होंने कहा कि आज जब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का प्रकोप आने को है तो हिण्डन के दोनों किनारों को हरित तथा स्वच्छ रखने की बहुत जरूरत है। श्री त्यागी ने सुझाया है कि नदी के दोनों तरफ जाल लगाया जाए और राजनगर एक्सटेंशन तक इसे पिकनिक स्थल के रूप में विकसित कर दिया जाए। यहां लोगों के बैठने के लिए बैंच लगाने के साथ आगंतुकों की गाड़ियों के लिए पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था की जाए। श्री त्यागी ने जल संरक्षण और पर्यावरण को प्राथमिकता देते हुए हिण्डन नदी को पूरी तरह से साफ किए जाने की आवश्यकता जताई है।
'हिण्डन' में गिर रही है गाजियाबाद नगर निगम के सात नालों की गंदगी
नदियों के प्रवाह को अविरल बनाने और प्रदूषण मुक्त करने को लेकर विभिन्न स्तरों पर किए जाने वाले दावों और वादों के बावजूद देश हित और जन स्वास्थ्य से जुड़े इस विषय को लेकर सरकारी विभाग कितने गंभीर हैं, यह गाजियाबाद नगर निगम क्षेत्र से निकलकर हिण्डन नदी में गिर रहे नालों को देखकर यह बखूबी पता चल जाता है।
सरकारी स्तर पर होने वाली कोताही देखिए जिस नगर निगम को हिण्डन नदी की सफाई करनी है उसी नगर निगम के सात नाले सीवर के गंदे पानी को नदी में डालकर उसे और प्रदूषित कर रहे हैं। ऐसा कारनामा उन हालात में किया जा रहा है जब इसे लेकर सरकार, एनजीटी और अदालत का स्पष्ट आदेश है कि सीवर और नाले के गंदे पानी को शोधित करने के बाद ही किसी नदी में छोड़ा जाए।
पार्षद राजेन्द्र त्यागी ने इस मामले को लेकर अपील की है कि यदि समय रहते नदी को बचाने के लिए ध्यान नहीं दिया गया तो यह मृत प्राय: नदी नाले में तब्दील हो जाएगी। नदी में गंदगीयुक्त पानी छोड़े जाने के कारण शहर का भूमिगत जल भी प्रदूषित हो रहा है। प्रदूषित पानी डाले जाने के कारण हिण्डन नदी के जल में ऑक्सीजन दिनोंदिन कम हो रही है, जिस कारण जलीय जीव-जन्तुओं का जीवन भी संकट में है।