भारतीय सैन्य शक्ति को कई गुना कर देगा एस-400 ट्रॉयम्फ मिसाइल डिफेन्स सिस्टम
एस-400 ट्रॉयम्फ मिसाइल सिस्टम जमीन से हवा में वार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है, जो दुश्मन देश की तरफ से आ रही परमाणु मिसाइलों को भी हवा में ही नष्ट कर देता है। वर्तमान में यह डिफेंस सिस्टम सिर्फ रूस और चीन के पास ही है। एस-400 मिसाइलरोधी रक्षा प्रणाली को अमेरिका की टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस यानी 'थाड' एंटी मिसाइल सिस्टम की टक्कर का माना जाता है।
सतह से हवा में वार करने वाला लंबी दूरी का सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली
किसी भी देश के सीमा क्षेत्रों को यह डिफेंस सिस्टम अचूक सुरक्षा प्रदान करता है। यह डिफेंस सिस्टम 400 किमी के दायरे में किसी संदिग्ध मिसाइल के नजर आने पर उसे आसानी से पहचान लेता है। एस-400 सतह से हवा में वार करने वाला लंबी दूरी का सबसे उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली मानी जाती है। यह दुश्मन के क्रूज, एयरक्राफ्ट और बलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है।
एक बार में नष्ट किए जा सकते हैं 36 टारगेट
एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली रूस के ही ए-300 डिफेंस सिस्टम का अपग्रेडेड वर्जन है। इस डिफेंस सिस्टम से एक बार में 36 टारगेट नष्ट किए जा सकते हैं। एस-400 मिसाइलरोधी रक्षा प्रणाली वर्तमान में दुनिया की सबसे उन्नत वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली है जो कि एक साथ कई हमला करने वाले विमान, मिसाइल और ड्रोन का 400 किमी की रेंज तक पता लगाकर उसे खत्म कर सकता है। इसकी अधिकतम रफ्तार 4.8 किलोमीटर प्रति सेकंड तक है, जबकि इसके नवीनतम संस्करण में यह हाइपरसोनिक गति से हमला कर सकती है।
किसी भी मिसाइल हमले को नाकाम करने में है सक्षम
भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के खतरे से बचने के लिए अपनी सुरक्षा के लिए ऐसे डिफेन्स सिस्टम की जरूरत है। एस-400 ट्रॉयम्फ एंटी मिसाइल सिस्टम से भारत को एक ऐसा कवच मिल जाएगा जो न केवल किसी भी मिसाइल हमले को नाकाम करने में सक्षम है, बल्कि इससे भारत पर होने वाले परमाणु हमले का भी जवाब दिया जा सकता है। इतना ही नहीं यह सिस्टम चीनी और पाकिस्तानी की सीमा में उड़ रहे विमानों को भी ट्रैक कर सकता है। इन तमाम खूबियों वाला एस-400 डिफेन्स सिस्टम मिलने के बाद भारतीय सेना बेहद मजबूती मिलेगी।
इस साल सुपुर्दगी होने की है उम्मीद
रूस द्वारा भारत को इस डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी इस साल ही किए जाने की उम्मीद है। चीन से तनाव के बीच भारत मिसाइल हमले के बचाव को रूस से एस-400 'सुरक्षा कवच' की सुपुर्दगी जल्द से जल्द चाहता है। बीते जून माह में रूसी सेना के विजय दिवस के मौके पर भारतीय सेना की टुकड़ी के साथ मास्को गए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की इस बाबत ब्लॉदिमेर पुतिन और अपने समकक्ष मंत्री से व्यापक चर्चा हुई बताई जाती है।