रूस के फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन ने यह जानकारी दी है कि भारत को S-400 डिफेन्स सिस्टम की डिलीवरी 2020 के बाद शुरू हो सकती है.
रूस के सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन ने कहा है कि भारत के साथ इस समझौते पर भुगतान से संबंधित सारी बाधाओं को हल कर लिया गया है. भारत और रूस ने पहले से ही लगभग 36 हजार करोड़ रूपये का कॉन्ट्रैक्ट रूस के साथ साइन किया है जिस पर अब औपचारिकता बाकी रह गई है.
गौरतलब है कि भारत और रूस के इस समझौते से अमेरिका भी नाखुश है और वह चाहता है कि एशिया में किसी भी तरह उसका प्रभाव ख़त्म ना हो, इसी के चलते भारत के इस समझौते पर यूएस ने चेताया है कि अगर भारत रूस से S-400 की खरीदारी करता है तो अमेरिका और भारत के संबंधों के लिए यह ठीक नही होगा.
S-400 ज़मीन से हवा में वार करने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है जो कि दुश्मन देश की तरफ से आ रही परमाणु मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर देता है. किसी भी देश की सीमा क्षेत्रों को सुरक्षित करने के लिए यह डिफेंस सिस्टम सुरक्षा प्रदान करता है. इस डिफेंस सिस्टम को इस तकनीक से बनाया गया है कि 400 कि.मी के दायरे में अगर कोई भी संदिग्ध मिसाइल नज़र में आए तो यह उसको आसानी से पहचान लेता है. इस डिफेंस सिस्टम से एक बार में 36 टारगेट को नष्ट किया जा सकता है.
वर्तमान में यह डिफेंस सिस्टम सिर्फ रूस और चीन के पास ही है. भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के ख़तरे से बचने के लिए अपनी सुरक्षा के लिए इस तरह के डिफेन्स सिस्टम की ज़रूरत है.
अब 2020 तक रूस द्वारा भारत को इस डिफेंस सिस्टम की डिलीवरी के बाद भारत की सेना को और मजबूती मिलेगी.
Web Title: S-400 Deal between India- Russia
Feature Image: S-400 Missile Defense System (Pic: voanews.com)