बखूबी तय किया लवर ब्वॉय से संजीदा किरदार निभाने तक का सफर
भारतीय सिनेमा जगत में रोमांटिक भूमिकाओं की बदौलत कभी लवर ब्वॉय कहे जाने वाले प्रख्यात अभिनेता, निर्माता, निर्देशक ऋषि राज कपूर बीती 30 अप्रैल को इस दुनिया को अलविद कहकर रुखसत हो गए। अचानक तबीयत बिगड़ने पर 67 वर्षीय ऋषि को मुंबई के सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। श्री कपूर लगभग दो साल से ल्यूकेमिया की बीमारी से पीड़ित थे। ऋषि एक सदाबहार और ऊर्जावान अभिनेता थे, वे अपनी फिल्मों के जरिए सिनेप्रेमियों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
ऋषि कपूर के कैंसर से पीड़ित होने का पता पहली बार वर्ष 2018 में चला था, जिसके बाद इलाज कराने को वे लगभग सालभर न्यूयॉर्क में रहे। ल्यूकेमिया एक प्रकार का ब्लड कैंसर होता है। इसे क्रोनिक लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (सीएलएल) के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी में शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से बढ़ने लगती है और इनके आकार में भी परिवर्तन होता है। इलाज के बाद ठीक होने पर ऋषि कपूर सितंबर 2019 में भारत लौटे आए थे। वह अपने जीवन की कठिन परिस्थितियों भी अंतिम सांस तक मुस्कुराते रहे। उन्होंने अपने फिल्म करियर में लवर ब्वॉय से संजीदा किरदार निभाने तक का सफर बखूबी तय किय। इस दौरान महानायक अमिताभ बच्चन के संग ऋषि की जोड़ी खूब जमी और दोनों ने करीब दर्जनभर फिल्मों में साथ काम किया।
चिंटू और चिंटूजी नाम से जाने-पहचाने जाते थे ऋषि
हिन्दी फिल्म जगत के प्रथम परिवार के चश्मोचिराग ऋषि कपूर का जन्म 4 सितम्बर 1952 को मुंबई के चेंबूर में हुआ। भारतीय फिल्म जगत के कपूर खानदान में जन्मे ऋषि राज कपूर प्रख्यात अभिनेता पृथ्वीराज कपूर के पौत्र और हिन्दी सिनेमा के शोमैन कहे जाने वाले अभिनेता, निर्माता, निर्देशक राज कपूर के मंझले पुत्र थे। ऋषि कपूर के दो भाई रणधीर कपूर और राजीव कपूर अभिनेता हैं। बॉलीवुड और समर्थकों में ऋषि अपने घरेलू नाम चिंटू और चिंटूजी से भी बखूबी जाने-पहचाने जाते थे। कभी बाल कलाकार के रूप में अपनी फिल्मी पारी शुरू करने वाले चिंटू को एक जमाने में रोमांटिक फिल्मों का बादशाह कहा जाता था। ऋषि कपूर ने अपने करियर में 1973-2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का रोल किया और बतौर सोलो लीड एक्टर 51 फिल्मों में अभिनय किया। इसके अलावा दूसरी पारी में बतौर खलनायक और चरित्र अभिनेता करीब दो दर्जन फिल्मों में इस उत्कृष्ट अभिनेता ने बहुआयामी भूमिकाएं निभाकर अपने अभिनय कौशल के बूते लोगों के दिलों पर राज किया। उन्हें अपने उत्कृष्ट अभिनय के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार समेत विभिन्न सम्मानों से नवाजा गया।
अपनी फिल्मों की नायिका नीतू सिंह से किया प्रेमविवाह
ऋषि कपूर ने वर्ष 1974 में फिल्म 'जहरीला सावन' में काम किया। इस फिल्म में उनकी जोड़ी अभिनेत्री नीतू सिंह के साथ जमी। ऋषि और नीतू की पहली मुलाकात फिल्म 'बॉबी' के निर्माण के दौरान हुई थी। दरअसल बतौर नायक ऋषि की यह पहली फिल्म थी। बताया जाता है कि अभिनेत्री नीतू फिल्म बॉबी में काम करने की चाहत के चलते ऑडिशन देने पहुंची थीं। इसी दौरान नीतू और ऋषि की सामान्य मुलाकात हुई थी। पहली मुलाकात में नीतू को ऋषि खास पसंद नहीं आये थे। अभिनेता, निर्माता, निर्देशक शोमैन राजकपूर अपने बेटे को बतौर नायक लॉन्च करने के लिए फिल्म 'बॉबी' में किसी नए चहेरे को नायिका के रोल में लेना चाहते थे और नीतू इससे पहले कई फिल्मों में काम कर चुकी थीं, इसलिए बात नहीं बन सकी। राजकपूर ने बॉबी के लिए डिम्पल कपाड़िया को चुना और फिल्म सुपरहिट हुई। इसके बाद साल 1974 में फिल्म आई 'जहरीला सावन' में ऋषि और नीतू सिंह की जोड़ी पहली बार परदे पर आई और दर्शकों ने इसे खूब पसंद किया। फिल्म की शूटिंग के दौरान ऋषि और नीतू के बीच दोस्ती हो गई। वर्ष 1976 में यश चोपड़ा की फिल्म 'कभी-कभी' में काम करने के दौरान दोस्ती का यह सिलसिला बातों और मुलाकातों से आगे बढ़ते हुए प्यार में बदल गया। वर्ष 1980 में फिल्म 'धन-दौलत' की शूटिंग के बाद ऋषि ने नीतू को शादी के लिए प्रपोज किया और 11 जनवरी, 1980 को इस फिल्म के रिलीज होने के बाद 22 जनवरी, 1980 को ऋषि और नीतू शादी के बंधन में बंध गए। ऋषि-नीतू की जोड़ी ने साथ में कई फिल्मों में काम किया। ऋषि और नीतू ने एक दर्जन से अधिक फिल्मों में साथ काम किया। दोनों ने कई सुपरहिट फिल्में दीं, जिनमें रफू चक्कर, दूसरा आदमी, कभी कभी, अमर अकबर एंथनी, दो दूनी चार और बेशरम आदि फिल्में शामिल हैं।
26 साल बाद पति-पत्नी ने दोबारा किया था साथ काम
नीतू ने शादी के बाद लगभग 26 साल बाद वर्ष 2009 में ऋषि कपूर के साथ ही फिल्म 'लव आज कल' से सिने पर्दे पर वापसी की थी। लव आज कलके अलावा ऋषि और नीतू ने दो दूनी चार, जब तक है जान, बेशरम आदि में भी दर्शकों ने रील लाइफ और रियल लाइफ की इस जोड़ी को एक बार फिर हाथोंहाथ लिया। ऋषि और नीतू के दो बच्चे रणबीर कपूर और रिद्धिमा कपूर हैं। बेटा रणबीर कपूर जहां हिन्दी सिनेमा का जाना-माना नाम है और बतौरअभिनेता वह अपनी एक अलग पहचान बना चुके हैं, वहीं बेटी रिद्धिमा कपूर साहनी एक नामचीन ज्वैलरी डिज़ाइनर हैं। रिद्धिमा 'आर ज्वैलरी' नामक ब्रैंड की मालकिन हैं। ऋषि और नीतू फिल्म बेशरम में बेटे रणवीर संग अहम भूमिकाओं में दिखे थे।
पहली फिल्म 'बॉबी' ने 47 वर्ष पहले कमाए 30 करोड़ रुपए
बतौर नायक ऋषि की पहली फिल्म 'बॉबी' ने पुराने जमाने में यानी अब से करीब 47 वर्ष पहले 30 करोड़ रुपए की कमाई की थी। इस फिल्म में उनके द्वारा चलाई गई छोटी बाइक को लोग आज भी बॉबी बाइक के नाम से ही पहचानते हैं। फिल्म जगत में अपने घरेलू नाम चिंटू और चिंटू जी से जाने-पहचाने जाने वाले ऋषि कपूर ने अपने करीब 50 साल लंबे करियर में 'बॉबी' के रोमांटिक हीरो से लेकर मुल्क और 102 नॉट आउट समेत तमाम फिल्मों के परिपक्व चरित्रों के जरिए कई पीढ़ियों के दिलों पर राज किया।
पचास साला करियर में डेढ़ सौ से ज्यादा फिल्मों में किया काम
ऋषि ने अपने 50 साला करियर में करीब 150 फिल्मों में काम किया। हालांकि उन्होंने पहली बार फिल्म श्री 420 में महज 3 साल की उम्र में कैमरा फेस किया था। इसके बाद वर्ष 1970 में मेरा नाम जोकर में अपने पिता राजकपूर के बचपन का रोल करने से शुरू हुई उनकी अभिनय यात्रा बॉबी से होते हुए फिल्म 'द बॉडी' तक चली। ऋषि कपूर ने सही मायने में अपना करियर अपने शो मैन पिता राज कपूर की फिल्म मेरा नाम जोकर से बतौर बाल कलाकार शुरू किया था। मेरा नाम जोकर में ऋषि ने अपने पिता के बचपन का रोल किया था, जो किशोर अवस्था में अपनी शिक्षिका के प्रति आकषिर्त होकर उससे प्यार करने लगता है। बाद में फिल्म बॉबी से बतौर नायक अपनी फिल्मी पारी की शुरूआत की। इस दौरान उन्होंने करीब 150 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। ऋषि की आखिरी रिलीज 'द बॉडी' वर्ष 2012 में आई स्पैनिश मिस्ट्री थ्रिलर फिल्म 'द बॉडी' का हिन्दी रीमेक है, जो 2019 में परदे तक पहुंची। 'दृश्यम' फेम डायरेक्टर जीतू जोसेफ की इस फिल्म में ऋषि कपूर और इमरान हाशमी ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं थीं। ऋषि कपूर अभिनेत्री जूही चावला के साथ निर्देशक हितेश भाटिया की फिल्म 'शर्माजी नमकीन' में काम कर रहे थे। बीते दिनों ही उन्होंने जानकारी दी कि वे और दीपिका पादुकोण हॉलीवुड फिल्म 'द इंटर्न' के रीमेक में काम करने वाले हैं, लेकिन ऐसा हो न सका।
पहली पारी में निभाईं रोमांटिक भूमिकाएं
चिंटू ने अपनी पहली पारी में दो फिल्मों श्री 420 और मेरानाम जोकर में बाल भूमिकाएं निभाईं और बॉबी से नायक के रूप में शुरू हुआ रोमांटिक फिल्मों का सिलसिला लंबे समय तक चला। इसके चलते ऋषि की पहचान एक चॉकलेटी हीरो और लवर ब्वॉय की बन गई। हालांकि इस दौरान उन्होंने कुछ एक्शन फिल्मों में भी काम किया। 'बॉबी', 'लैला मजनू', 'कर्ज', रफूचक्कर, जहरीला इंसान', जमाने को दिखाना है, कभी-कभी, अमर अकबर एंथनी, नसीब, कुली, 'प्रेम रोग' 'सागर', सरगम, प्रेम ग्रंथ, 'दीवाना',नगीना, अजूबा, दामिनी, याराना, बोल राधा बोल, नसीब अपना-अपना, खुदगर्ज समेत अनेक फिल्मों में काम किया।
दूसरी पारी में निभाए बहुआयामी किरदार
ऋषि कपूर ने अपने फिल्म करियर के दौराना पहली पारी के मुकाबले दूसरी पारी में अनेक महत्वपूर्ण और बहुआयामी किरदार निभाए। अग्निपथ में खलनायक करीम लाला और फिल्म मुल्क में मुराद अली के किरदारों में उनके अभिनय से हर कोई उनकी कला का कायल हो गया। अपनी दूसरीपारी में ऋषि ने ये है जलवा, 'डी डे', 'औरंगजेब', 'फना', आई बला को टाल तू, चिंटू जी, दो-दूनी चार, कपूर एंड संस, 102 नॉट आउट और 'द बॉडी' आदि फिल्मों में विभिन्न किरदार निभाए।
निर्माण और निर्देशन में भी आजमाया हाथ
अभिनय की दुनिया में अपनी धाक जमाने वाले ऋषि कपूर ने अपने पिता राजकपूर और भाई रणधीर कपूर की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए फिल्म निर्माण और निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने वर्ष 1998 में राजेश खन्ना, अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म आ अब लौट चलें का सफल निर्देशन किया, फिल्म सुपरहिट रही।