जांच आयोग गठित कर न्याय दिलाने की लगाई गुहार
नई दिल्ली। 25 वर्ष पूर्व अलग उत्तराखंड राज्य की मांग करने वाले आन्दोलनकारियों के खिलाफ वर्ष 1994 में 2 अक्टूबर को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर हुए गोलीकांड और कथित सामूहिक बलात्कार मामले में दोषियों पर कारवाई की मांग को लेकर 'वन यूके टीम' के बैनर तले जुटे सैंकड़ों उत्तराखंडियों ने राजधानी दिल्ली स्थित जन्तर-मन्तर पर जोरदार प्रदर्शन किया। 'न्याय हमारा हक' का नारा बुलंद करते हुए प्रदर्शनकारियों ने ढाई दशक पहले हुई अमानवीय और दमनात्मक कार्रवाई की जांच को आयोग गठित कर पीड़तों को इन्साफ दिलाने की गुहार लगाई।
'वन यूके टीम' के अध्यक्ष दिनेश सिंह बिष्ट ने ऐलान किया कि उत्तराखंड की युवा शक्ति अब जागरूक हो रही है। बिष्ट ने रामपुर तिराहा कांड समेत उत्तराखंडी आन्दोलनकारियों पर जगह-जगह गोलीबारी और लाठीचार्ज करने-करवाने वाले तमाम अफसरों और तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव पर कार्रवाई किए जाने की मांग की। बिस्ट के मुताबिक उत्तराखंड आंदोलनकारियों के उत्पीड़न से जुड़े तमाम मामलों में दोषियों पर कार्रवाई किए जाने को जांच आयोग गठित करने के लिए लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों से ई-मेल के जरिए समर्थन मांगा गया है। साथ ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया है।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम अपने अधिकारों की रक्षा करने व पूर्व में हुए अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हुए इन्साफ पाने को व्यापक आंदोलन छेड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे। प्रदर्शन में शामिल लोग में बेहद रोष दिखा। उनका कहना है कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि 25 साल बीतने के बावजूद दर्जनों लोगों की मौत और महिलाओं के उत्पीड़न के लिए दोषी अफसरों और नेताओं में से किसी एक पर भी आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
इस प्रदर्शन में उत्तराखंडी समाज की विभिन्न संस्थाओं से जुड़े सैंकड़ों लोग शामिल हुए।
रामपुर तिराहे पर पुलिस प्रशासन ने की थी फायरिंग
9 नवम्बर 2000 को अस्तित्व में आए उत्तराखंड (पूर्व में उत्तरांचल) राज्य के गठन की मांग कर रहे आंदोलनकारियों पर ढाई दशक पहले मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे पर 2 अक्टूबर को पुलिस प्रशासन ने फायरिंग की थी। गोलीबारी में आधा दर्जन से अधिक आन्दोलनकारियों की मौत हो गई थी, जबिक डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे।