रेल मंत्रालय ने पंजाब में किसान आंदोलन के चलते स्पैशल ट्रेनों का रद्दीकरण,अन्य मार्ग से चलाने और आंशिक निरस्तीकरण आज 19 वें दिन भी जारी रहा।
रेलवे सूत्रों के अनुसार नई दिल्ली - जम्मूतवी राजधानी एक्सप्रेस, जम्मूतवी- नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, हरिद्वार- अमृतसर जन शताब्दी स्पैशल एक्सप्रेस व अमृतसर से हरिद्वार के बीच चलने वाली जन शताब्दी स्पैशल एक्सप्रेस,कालका - अंबाला एक्सप्रेस व अंबाला - कालका एक्सप्रेस ट्रेनों को 14 अक्तूबर तक रद्द रखने का निर्णय लिया गया है।
जबकि अमृतसर - बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस व बांद्रा टर्मिनस एक्सप्रेस, अमृतसर - मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस,कोलकाता - अमृतसर एक्सप्रेस को अंबाला तक चलाया जा रहा है। अमृतसर - कोलकाता को अंबाला से कोलकाता के बीच चलाया जा रहा है और यह ट्रेनें अमृतसर - अंबाला के बीच आंशिक रूप से रद्द रहेगी। अमृतसर - नांदेड़ सचखंड एक्सप्रेस नई दिल्ली के बीच चलेगी और यह ट्रेनें नई दिल्ली-अमृतसर - नई दिल्ली के बीच आंशिक रूप से रद्द रहेगी।
नई दिल्ली - ऊना हिमाचल एक्सप्रेस चंडीगढ़ - नई दिल्ली के बीच चलेगी और यह चंडीगढ़ - ऊना हिमाचल के बीच आंशिक तौर पर बंद रहेगी। जयनगर - अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन जयनगर - नई दिल्ली के बीच चलेगी और दिल्ली - अमृतसर के बीच आंशिक रूप से रद्द रहेगी। बांद्रा टर्मिनस- जम्मूतवी एक्सप्रेस अंबाला तक चलेगी तथा अंबाला से जम्मूतवी के बीच रद्द रखा गया है। अमृतसर - नई जलपाईगुड़ी हमसफ़र एक्सप्रेस को भी अमृतसर - सहारनपुर के बीच रद्द रखने का निर्णय लिया गया है।
रेलवे सूत्रों के अनुसार डिब्रूगढ़ - लालगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन को रोहतक- भिवानी - हिसार - हनुमानगढ़ के रास्ते डायवर्ट किया गया है। रेल मंत्रालय अधिकारियों का कहना है कि किसानों का आंदोलन समाप्त होने पर ही पंजाब के लिए ट्रेनें चलाने पर विचार किया जा सकता है। इस बीच पता चला है कि किसान जत्थेबंदियों की एक विशेष बैठक 13 अक्तूबर को जालंधर में बुलाई गई है जिसमें पंजाब में बिजली संकट की संभावना को देखते हुये कोयला व माल की रेल ढुलाई आदि संबंधी पर विचार- विमर्श किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार किसान जत्थेबंदियों का कहना है कि उनका आंदोलन केंद्र सरकार के विरुद्ध है न कि जनता के विरुद्ध। वह कतई नहीं चाहते हैं कि उनके आंदोलन से आम जनता परेशान हो। सूत्रों की मानें तो किसान जत्थेबंदियों द्वारा उपरोक्त बैठक में रेल आवाजाही जाम हटाने का फैसला ले सकती है जबकि आंदोलन और दिनों के लिए जारी रखने का निर्णय लिया जा सकता है।थे। उन्होंने कहा कि दूसरा आतंकवादी पुलवामा निवासी है जो बडगाम के चाडूरा में सीआरपीएफ पर हमले के लिए जिम्मेदार है जिसमें सितंबर में एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) शहीद हो गया था।