देश के शीर्ष वित्तीय नियामक आरबीआई ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक
से अगले छह महीने के लिए नकद निकासी पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद सैकड़ों घबराए
ग्राहकों ने भारत की वित्तीय राजधानी की सड़कों पर हंगामा खड़ा कर दिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) - ने मंगलवार को निर्देश जारी किया है जिसमें उसने
पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं को केवल 1000 रूपये तक की दैनिक निकासी की अनुमति दी है.
और यह अनुमति अगले छह महीनों के लिए प्रत्येक बैंक खाता धारक के लिए लागू होगी.
मार्च 2019 तक पीएमसी बैंक में 1.5
बिलियन डॉलर से अधिक की जमा राशि और लगभग 1.1 बिलियन डॉलर से अधिक अग्रिम राशि है.
आरबीआई ने बैंक को ऋण
देने, अग्रिम लेने, कोई भी निवेश करने, या किसी भी दायित्व को प्रभावित करने सहित लगभग सभी बैंकिंग
गतिविधियों को तुरंत बंद करने का निर्देश दिया है.
आरबीआई द्वारा जारी इस निर्देश के बाद शहर
के व्यापारिक समुदाय और खाताधारक बैंक शाखाओं की कतार में आ गए.
व्यापारियों समुदाय के एक सज्जन प्रफुल्ल शाह ने दावा किया कि उनकी 2500,000
रूपये की सभी बचत, जो उन्होंने अपनी बेटियों की शादियों के लिए बचाई थी वो अब फास गई है. मेरे जीवन भर की बचत एक रात में फ्रीज कर दिया गया है.
मामले पर अपना गुस्सा ज़हीर करने के लिए कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी
भी जाहीर की है जिसमे उन लोगों ने पीएमसी कई बार बैंक को निशाना बनाया है.
ग्राहकों का गुस्सा शांत करने के लिए पीएमसी बैंक के एम डी जॉय थॉमस ने जनता से असुविधा
के लिए माफ़ी मांगते हुए कहा है कि हमारा बैंक भारतीय सम्विशन के आर बी आई एक्ट 35
ए के दायरे के अंतर्गत यह फैसला लिया है जिसके कारण 6 महीने तक हमारे खाता धारकों
को दिक्कतों का सामना करने पड़ सकता है. मैं इस कदम के लिए एक बार फिर से माफ़ी
मांगता हूँ और उम्मीद करता हूँ कि आर बी आई द्वारा यह एडवाइजरी जल्द ही हटा ली
जाएगी. इसी के साथ उन्होंने लोगों से सहयोग करने के लिए कहा है.