सरकार ने वर्ष 2025-26 तक अनाजों से सालाना 1600 करोड़ लीटर एथनॉल तैयार करने की योजना बनाई है जिससे पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल का मिश्रण किया जा सके।
खाद्य एवं आपूर्ति मामले के सचिव सुधांशु पांडे ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अनाज से एथनॉल बनाने में मक्का की बड़ी भागीदारी होगी। मक्का से 740 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने की योजना है। इसके अलावा चावल आदि से भी एथनॉल बनाए जायेंगे। अगले एक साल के दौरान अनाज से 100 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने की योजना है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए उद्योगों के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा रही है और ऋण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में नए डिस्टलरी लगाए जायेंगे जिससे अनाजों को बेहतर बाजार मिल सकेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेंगे। देश में सालाना करीब 280 लाख टन मक्के का उत्पादन होता है। इसमें से केवल 20 प्रतिशत मक्के का औद्योगिक उपयोग होता है। मक्का से अच्छी मात्रा में एथनॉल का उत्पादन होता है और यह सस्ती भी है ।
पांडे ने कहा कि इस वर्ष गन्ना से 223 करोड़ लीटर एथनॉल बनाने की योजना है और इससे पेट्रोल में 8.5 प्रतिशत तक एथनॉल मिलाया जा सकेगा। देश में वर्ष 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथनॉल मिलने की योजना है । इससे कच्चे तेल के आयात पर खर्च होने वाली विदेशी मुद्रा की बचत हो सकेगी और इसका लाभ किसानों को मिल सकेगा। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के चीनी मिलों में बड़े पैमाने पर एथनॉल का उत्पादन हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से देश में जरुरत से अधिक चीनी का उत्पादन हो रहा है जिससे उसके भंडारण की समस्या के साथ ही किसानों के गन्ना मूल्य के भुगतान में भी देर होती है।