समाजवादी पार्टी (सपा) का पंजीकरण रद्द करने का आदेश देने की मांग संबंधी एक जनहित याचिका सोमवार को उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई।
याचिकाकर्ता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा, “याचिका में उच्चतम न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि वह निर्वाचन आयोग को यह निर्देश दे कि वह सपा समेत उन राजनीतिक दलों के पंजीकरण रद्द कर दें, जो चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास का खुलासा नहीं करते हैं।”
उपाध्याय ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कैराना निर्वाचन क्षेत्र से सपा ने नाहिद हसन को चुनावी मैदान में उतारने घोषणा की है। हसन एक कुख्यात गैंगस्टर है लेकिन सपा ने इस उम्मीदवार के आपराधिक रिकॉर्ड को समाचार पत्र, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में प्रकाशित-प्रसारित नहीं किया, और न ही उसके चयन की वजह बतायी है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी नहीं देना उच्चतम न्यायालय के फरवरी 2020 के फैसले के खिलाफ है।
उपाध्याय का कहना है कि अपने फैसले में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करते वक्त राजनीतिक दलों के लिए संबंधित व्यक्ति का अपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करना अनिवार्य है।