पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भारत में 26 मई को चंद्र गहण का आंशिक चरण दिखाई देगा और यह चंद्रमा के उदय होने के तत्काल बाद देश के उत्तर पूर्वी हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओड़िशा के कुछ तटीय भागों तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह से दिखाई देगा ।
यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तर अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर तथा हिंद महासागर के क्षेत्रों में दिखाई देगा । ग्रहण की आंशिक प्रावस्था का प्रारम्भ भारतीय मानक समय अनुसार(आईएसटी). 1515 पर होगा । ग्रहण की पूर्णावस्था 1639 पर आरम्भ होगी । ग्रहण की पूर्णावस्था का अंत 1658 पर होगा तथा इसकी आंशिक प्रावस्था का अंत 1823 होगा ।
19 नवम्बर 2021 को होने वाला अगला चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा । यह एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा । चंद्र ग्रहण पूर्णिमा को होता है जब पृथ्वी सूर्य एवं चंद्रमा के बीच आ जाती है तथा ये तीनों एक सीधी रेखा में स्थित रहते हैं। पूर्ण चंद्र ग्रहण तब घटित होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की छाया से ढक जाता है तथा आंशिक चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की छाया से ढक जाता है ।