वैश्विक स्तर पर सूचना-संचार तकनीक की दुनिया में दिन-प्रतिदिन हो रहे व्यापक बदलावों से अब भारत का खेल क्षेत्र भी अछूता नहीं है, दूसरे शब्दों में कहें तो भारत अब खेल क्षेत्र में भी डिजिटलीकरण की तरफ अग्रसर है। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू लॉकडाउन ने इसे गति देने का काम किया है। देश बंदी के दौरान जनजीवन ठप्प होने के कारण खेल संगठनों की पहल पर अपने-अपने क्षेत्र के माहिर विशेषज्ञों ने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को खेलों की ऑनलाइन कोचिंग देने का काम किया। ऑब्जर्वर डॉन की डिजिटल भारत स्टोरी के छठे अंश में खेल क्षेत्र में हो रहे डिजिटलीकरण पर आधारित इस लेख में हमने स्पोर्ट्स सेक्टर में टेक्नॉलोजी के बढ़ते चलन पर प्रकाश डाले का प्रयास किया है।
खेलों की कोचिंग भी हुईं ऑनलाइन
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस कोविड-19 के कारण देश में सभी खेल गतिविधियां ठप्प पड़ने के बीच खिलाड़ियों तथा कोचों को ऑनलाइन क्लास के जरिए सक्रिय रखने का काम किया गया। देश में विभिन्न खेल संघों, भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और खेल मंत्रालय ने आपसी तालमेल के साथ ऑनलाइन क्लास का सिलसिला शुरू करते हुए इनसे खिलाड़ियों और कोचों को जोड़ने का काम किया। यह सिलसिला लगातार बना हुआ है जिसे लॉकडाउन के बीच खिलाड़ियों, कोचों और खेलों से जुड़े लोगों की सक्रियता बनी रही।
16 खेलों के प्रशिक्षकों के लिए ई-वर्कशॉप आयोजित
साई ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ मिलकर 16 खेलों के कोचों के लिए ऑनलाइन ई-वर्कशॉप आयोजित किए। केंद्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर इस वर्कशॉप के आयोजन की जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि जिस वक्त सारा देश कोरोना के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है ऐसे में साई ने राष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ मिलकर 16 खेलों के कोचों के लिए ऑनलाइन वर्कशॉप आयोजित करने का काम किया। उन्होंने बताया कि कोचों को सशक्त बनाने के लिए यह अपनी तरह का पहला और सबसे बड़ी ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
मुक्केबाजों की मानसिक फिटनेस को विशेषज्ञों के साथ आयोजित किया फिटनेस सत्र
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने मुक्केबाजों की मानसिक फिटनेस के लिए विशेषज्ञों के साथ फिटनेस सत्र आयोजित किया। इस सत्र में पूरे भारत से 374 मुक्केबाज और कोच शामिल हुए। फोर्टिस राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के निदेशक डॉ समीर पारिख और खेल मनोविज्ञानी दिव्या जैन ने इस सत्र का संचालन किया और मुक्केबाजों से मैच के दिन की चिंता, कोच की अनुपस्थिति में ट्रेनिंग करना तथा मुश्किल दौर में खुद को संतुलित रखने जैसे मुद्दों पर चर्चा की। विशेषज्ञों ने सकारात्मक रहने के बारे में भी बात की। बीएफआई की इस पहल पर डॉ पारिख ने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण है कि बीएफआई ऐसे समय मानसिक स्थिरता पर जोर दे रहा है। सामाजिक दूरी के दौरान यह ध्यान रखना भी जरुरी है कि मुक्केबाज अपने लक्ष्य से पीछे नहीं हटें। दिनचर्या का पालन होना चाहिए और सोने के साथ ही ट्रेनिंग, खाना और मेडिटेशन भी बेहद जरुरी है। बीएफआई की ई-पाठशाला में कोचों के दिशा-निर्देशों का पालन करने से भी आप खुद को फिट और सकारात्मक रख सकते हैं। बीएफआई ने ओलंपिक के लिए चुने गए मुक्केबाजों समेत सभी आयु वर्ग के मुक्केबाजों के लिए ई-पाठशाला शुरू की गई। इसमें शारीरिक कोचिंग सत्र के साथ ही मानसिक फिटनेस सत्र का भी आयोजन किया गया। बता दें भारत के रिकॉर्ड नौ मुक्केबाज टोक्यो ओलम्पिक के लिए कोटा हासिल कर चुके हैं।
हॉकी इंडिया की ई-ट्रेनिंग वर्कशॉप
हॉकी इंडिया ने साई के साथ मिलकर कोचों के लिए ई-ट्रेनिंग वर्कशॉप सत्र आयोजित किया। इस सत्र का आयोजन साई के ओपन ऑनलाइन कोर्स के तहत किया गया है जिसमें कोचों के लिए वर्कशॉप आयोजित की गयी है। इन ऑनलाइन सत्रों का उद्देश्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश भर के हॉकी कोचों को उच्च स्तरीय ट्रेनिंग प्रदान करना है। इस दो दो कोचिंग सत्र में मूल स्तर और मध्यम स्तर की कोचिंग दी गई। यह कोचिंग सत्र हॉकी इंडिया के राष्ट्रीय टीम के विदेशी कोच, सलाहकार और निदेशक द्वारा संचालित किया गया।
बैडमिंटन कोचिंग को ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित
भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने कोरोना के संकट के दौरान अपने घर में रह रहे कोचों के लिए ऑनलाइन बैडमिंटन कोचिंग कार्यक्रम आयोजित किया। इस सत्र को काफी पसंद किया गया और इसमें देश भर से 800 कोचों ने हिस्सा लिया। तीन सप्ताह तक चले इस ऑनलाइन कार्यक्रम के तहत पूरे कोर्स को 39 विषयों में बांटकर सप्ताह में पांच दिन कोचिंग दी गई। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद के नेतृत्व में देश के शीर्ष कोच और विदेशी कोचों अगस द्वी सांतोसो और नमरीह सुरोतो ने ट्रेनिंग दी।
टेनिस कोचों की वेबिनार का आयोजन
देश में लॉकडाउन लागू होने के दौरान अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के कोचों के लिए वेबिनार आयोजित किए। वेबिनार में डब्ल्यूटीए रैंकिंग में भारत की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग की खिलाड़ी और भारतीय टेनिस फेड कप टीम की सदस्य अंकिता रैना के अलावा नंदन बल, पूर्व जूनियर विश्व नंबर एक यूकी भांबरी और 2017 फ्रेंच ओपन मिश्रित युगल चैंपियन रोहन बोपन्ना ने भी एआईटीए और साई की वेबिनार में अपने अनुभव साझा कर किए।
वीडियो कॉलिंग से दिए गए कुश्ती की कोचिंग के टिप्स
कुश्ती में जूम जैसे वीडियो कॉलिंग एप के माध्यम से कोचिंग टिप्स दिए गए। भारतीय खेल प्राधिकरण, एनआईएस पटियाला में कर्नल राज सिंह बिश्नोई ने संस्थान के प्रमुख के प्रयासों के तहत जूम वीडियो मीटिंग के लिए देश में कुश्ती से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया। इस प्रोग्राम में देश के 300 से भी ज्यादा कुश्ती कोच शामिल हुए। प्रशिक्षण का जिम्मा देश के प्रसिद्ध कुश्ती गुरु और भारतीय खेल प्राधिकरण के प्रमुख कुश्ती कोच ओपी यादव को सौंपा गया। कुश्ती की इस मीटिंग में देश के अलग-अलग क्षेत्रों से पहलवान और प्रशिक्षक बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस ई-ट्रेनिंग सत्र में टेक डाउन, मोमेंट स्ट्रेक्चर, लोवर स्ट्रेक्चर, टाइम स्ट्रेक्चर के साथ ही रिफ्लेक्स तकनीक से संबन्धित जानकारियों के साथ ही ट्रेनिंग, टीचिंग, प्रेक्टिस और कोचिंग के अंतर को स्पष्ट किया गया।
लाइव फिटनेस सत्र किया शुरू
सरकार के फिट इंडिया अभियान के साथ मिलकर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने लाइव फिटनेस सत्र शुरू किया ताकि बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सके। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ह्यनिशंकह्ण ने इस अनूठी पहल की सराहना की। इन लाइव सत्रों में बच्चों की फिटनेस के सभी पहलुओं को शामिल किया गया जिसमें रोज की कसरत से लेकर योग तक और पोषण से लेकर भावनात्मक विकास तक सब कुछ शुमार रहा। फिटनेस, पोषण, भावनात्मक विकास, योग संबंधी विशेषज्ञों इन लाइव सत्रों में हिस्सा लिया और बच्चों को गुर सिखाए। इन सत्रों का सीधा प्रसारण सीबीएसई के जीक्यूआईआई के सोशल मीडिया हैंडल पर हुआ।
कसरत को लेकर प्रेरित करने के लिए पहलवानों का अनोखा दंगल
कोरोना के इस संकट काल में खिलाड़ियों के लिए अपनी फिटनेस बरकरार रख पाना सबसे बड़ी चुनौती बन गई। इससे पहलवानों को बहुत दिक्कत हुई क्योंकि उनके सामने वजन बढ़ने का डर सबसे ज्यादा है। मैट पर प्रैक्टिस नहीं हो सकी, लेकिन कई पहलवान छोटी-मोटी कसरत करके फिटनेस बरकरार रखने की कोशिशों में जुटे रहे। इस बीच अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ ने एक अनूठा प्रयास किया। महासंघ के अध्यक्ष सुरेंद्र कालीरमण, चेयरमैन प्रशांत रोहतगी (बब्बू खलीफा) और मुख्या सरंक्षक अजय भारद्वाज ने एक ऑनलाइन इनामी दंगल प्रतियोगिता का आयोजन किया और इसे ह्यघर में कसरत करो, इनाम जीतोह्णका नाम दिया। इस ऑनलाइन प्रतियोगिता में पहलवान से अपने घर में कसरत करते हुए वीडियो वॉट्सएप पर मांगे गए। इन वीडियो को अपने कुश्ती जगत फेसबुक पेज और इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया गया। इनमें सबसे ज्यादा लाइक मिलने वाले पहलवान को नकद इनाम के तौर पर 51 हजार रुपये और ट्रॉफी, दूसरे स्थान पर रहने वाले को 31 हजार रुपये और तीसरे स्थान पर रहने वाले 21 हजार रुपये और ट्रॉफी दिए जाने का महासंघ ने ऐलान किया।
सोशल मीडिया के जरिए पेफी की अनूठी पहल
कोरोना महामारी की वजह से समस्त देशवासी अपने घरों में बंद रहे। सभी स्कूल, कॉलेज, खेल गतिविधियां बंद हो गईं ऐसे समय में फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी) शारीरिक शिक्षकों, खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों को सोशल मीडिया के माध्यम से ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराने का अनूठा काम किया। इस अभियान के तहत सोशल मीडिया साइट फेसबुक पर लाइव सेशन के जरिए खिलाड़ियों, कोच, फिजिकल ट्रेनर्स और रिसर्चर्स को जोड़ा गया। इस दौरान विभिन्न खेल विशेषज्ञों द्वारा अलग-अलग विषयों पर लाइव सेशन का आयोजन किया गया जिसमें विषय विशेषज्ञों ने अपनी जानकारी और अनुभव लाइव सेशन में शेयर किए। इस दौरान उन्होंने पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए। पेफी के राष्ट्रीय सचिव पीयूष जैन ने इस कार्यक्रम के बारे में बताया कि लॉकडाउन के दौरान देश में सभी तरह की गतिविधियां पूरी तरह बंद रहीं। यहां तक कि लोगों के घर से बाहर निकलने पर पाबंदी होने से वे अपनी फिटनेस पर ध्यान नहीं दे सकते थे। ऐसे समय में लॉकडाउन का पालन करते हुए देश के सभी शारीरिक शिक्षा से जुड़े लोगों, खेल प्रशिक्षकों, खिलाड़ियों को इस फेसबुक लाइव सेशन के जरिए एक मंच पर एकत्रित करने का काम किया गया। इस फेसबुक लाइव सेशन के जरिए विभिन्न प्रदेश के महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के शारीरिक शिक्षक, खेल प्रशिक्षकों ने लाइव जानकारी साझा की गई।