उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरु पूर्णिमा के अवसर पर अपने सभी गुरुजनों को सादर नमन करते हुए कहा कि गुरुजनों का सम्मान भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है।
नायडू ने शनिवार को यह जारी एक संदेश में कहा कि विश्व में कोई भी व्यक्ति अज्ञानता के अंधकार में ना रहे। बिना गुरु के कोई भी व्यक्ति किसी भी समस्या से पार नहीं पा सकता। उन्होंने कहा कि हमें अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेना चाहिए। नायडू ने अपने संदेश में गुरु नानक देव जी के इस दोहे का -
गुरु बिन ज्ञान न ऊपजे, गुरु बिन मिले न मोछ।
गुरु बिन लखे न सत्य को, गुरु बिन मिटे न दोष।- का भी उल्लेख किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा, “आदि आचार्य वेद व्यास की जयंती, गुरु पूर्णिमा, पर हमें शिक्षा और संस्कार देने वाले अपने सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम करता हूं। गुरुजनों का सम्मान, हमारी सामाजिक संस्कृति का मानदंड है।”