ओबीसी को मेडिकल में 27 फीसदी के आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट
ने हरी झंडी दे दी है। लेकिन, क्या आप जानते हैं इस बड़ी जीत के पीछे कौन है। कौन
है वो शख्स जिसकी कोशिश का नतीजा अब उन हजारों करोड़ों गरीब पिछड़ी जाति के
विद्यार्थियों को मिलेगा जो मेडिकल के क्षेत्र में शिक्षा पाने की कोशिश कर रहे
हैं।
चलिए हम आपको उस शख्स का नाम और काम दोनों से रूबरू करवा
देते हैं। ये नेता है तमिलनाडू के चीफ मिनिस्टर एम के स्टालिन, जी हां, एम के
स्टालिन जो 1990 से ही देश के गरीब मजलूम और आदिवासियों के हक की लड़ाई लड़ रहे
हैं।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद द्रमुक के अध्यक्ष
और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए ओबीसी
आरक्षण की 27 फीसदी वैधता को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत
किया। फैसले की सराहना करते हुए स्टालिन ने कहा कि राजनीतिक एवं न्यायिक मोर्चे पर
उनकी पार्टी द्वारा पिछले कई वर्षों से लगातार संघर्ष के कारण पहली बार ओबीसी के
लिए आरक्षण लागू होगा और इस वर्ष से अखिल भारतीय कोटा सीट के तहत नामांकन होगा।
स्टालिन ने बयान जारी कर कहा,
‘‘यह द्रमुक के लिए काफी महत्वपूर्ण जीत है जो सामाजिक न्याय एवं तमिलनाडु के
लोगों के लिए सुखद है। सामाजिक न्याय के इतिहास में यह मील का पत्थर है।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी ने मद्रास उच्च न्यायालय और उच्चतम
न्यायालय में कानूनी लड़ाईयां लड़ी और जीत हासिल की।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश में क्या है
जी हां, सुप्रीम कोर्ट ने नीट-पीजी काउंसलिंग को हरी झंडी दे दी है। ओबीसी के
लिए 27 फीसदी आरक्षण को भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से
स्वीकृति दे दी गई है। ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी आरक्षण इस
वर्ष प्रभावी रहेगा। भविष्य में इस कोटे को जारी रखा जाएगा या नहीं, इसका निर्णय सुप्रीम कोर्ट करेगा। मामले में अगली सुनवाई
मार्च के दूसरे हफ्ते में की जाएगी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एएस बोपन्ना की बेंच ने यह फैसला सुनाया है।
पीठ ने सुनवाई के बाद मामले में फैसला सुरक्षित रखते हुए टिप्पणी की थी कि
उसका आदेश राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखेगा और उसी के मद्देनजर नीट काउंसलिंग
जल्द ही शुरू होनी चाहिए। शीर्ष अदालत के समक्ष मामला होने के कारण NEET PG
पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग रोक दी गई है।
इस साल लागू रहेंगे वर्तमान मानदंड
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नीट पीजी 2021 के लिए विस्तृत ईडब्ल्यूएस मानदंड पर एक विस्तृत अंतरिम आदेश की आवश्यकता है।
इसे प्रस्तुत करने और आदेश को तैयार करने में कुछ समय लगेगा। तब तक NEET PG
EWS और OBC कोटा के लिए वर्तमान
मानदंड वैध माने जाएंगे।
पांडे समिति की रिपोर्ट स्वीकारी
पीठ ने कहा कि हम पांडे समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं। कार्यालय में
दी गई नीट 2021 की विज्ञापन अधिसूचना के
अनुरूप नीट पीजी और यूजी की काउंसलिंग आयोजित की जाएगी।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि नीट पीजी और यूजी के लिए ईडब्ल्यूएस की
पहचान के लिए बताए गए मानदंड का इस्तेमाल किया जाएगा। पांडेय समिति की रिपोर्ट इस
विषय की अंतिम वैधता के अधीन होगी।
तीन मार्च को होगी अगली सुनवाई
जस्टिस चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हमने NEET PG और UG में OBC के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की
संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। इस वर्ष 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटे के लिए इस वर्ष के आवेदन स्वीकार होंगे और 3 मार्च, 2022 को होने वाली अंतिम
ईडब्ल्यूएस सुनवाई पर संभावित तौर से अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई 2021 को नोटिफिकेशन जारी करके मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए
आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के टेस्ट नीट में ओबासी और ईडब्ल्यूएस कोटे
के तहत आरक्षण देने का फैसला किया था। इसके खिलाफ सुप्रीत कोर्ट में याचिका दायर
की गई थी, जिस पर कोर्ट ने फैसला सुनाया है।