प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वियतनाम के प्रधान मंत्री एच.ई. गुयेन शुआन फुक के साथ गुरुवार से शुरू हो रहे 17 वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन सह अध्यक्षता करेंगे। इस शिखर बैठक में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी तथा संपर्क, समुद्री मार्ग संबंधी सहयोग, व्यापार एवं वाणिज्य, शिक्षा और क्षमता निर्माण जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति पर भी विचार किया जाएगा।
इसके साथ ही दक्षिण- पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) का 37वां शिखर सम्मेलन भी आज से शुरू होने जा रहा है और यह सम्मेलन 15 नवंबर तक चलेगा। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम हो रहे इस शिखर सम्मेलन का मुख्य एजेंडा अर्थव्यवस्था पर काेविड-19 महामारी के प्रभाव और क्षेत्रीय विकास पर केंद्रित रहने की उम्मीद है।
वियतनाम के उप विदेश मंत्री गुयेन क्वोक डंग ने आसियान शिखर सम्मेलन के बारे में बताते हुए कहा कि आसियान के सदस्य देश शिखर सम्मेलन के आखिरी दिन क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (आरसीईपी) पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। आरसीईपी आसियान सदस्यों और उनके मुक्त व्यापार साझेदारों चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया,आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच एक प्रस्तावित व्यापार समझौता हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि आसियान सदस्यों में ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं।