कोरोना संकट काल के कारण बदलते परिवेश में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए एनसीईआरटी का रोडमैप जारी किया है. इस रोडमैप को जारी करते हुए विभाग ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता मिशन की स्थापना और परिणाम आधारित समग्र शिक्षा के लिए एनसीईआरटी के लिए इस इस रोडमैप को प्रभावी तरीके से लागू करना होगा और इसके लिए संसाधन विकसित करने होंगे. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के लिए शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए रोडमैप जारी किया है। इससे हम आने वाले समय में छात्रों के सीखने के स्तर के साथ-साथ परिणाम (लर्निंग आउटकम) के स्तर पर भी सुधार ला सकते हैं। विभाग ने कहा, ‘इससे हम आने वाले समय में छात्रों के सीखने के स्तर के साथ-साथ परिणाम (लर्निंग आउटकम) के स्तर पर भी सुधार ला सकते हैं।’ इस मौके पर निशंक ने कहा कि हमें आने वाले समय में शिक्षा के प्रारूप और प्रणाली को बदलना होगा ताकि हम शिक्षा को देश के हर कोने तक पहुंचा सकें. आज जारी किए जा रहे रोडमैप के जरिये एनसीईआरटी इस काम को पूरा करेगी. हमें पूरी उम्मीद है कि कोरोना संकट काल को जिस प्रकार से अभी तक हमने एक अवसर के रूप में बदला है उसी प्रकार आगे भी हम सब न्यू नॉर्मल को अपनाते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली को एक नया आयाम देंगे लर्निंग आउटकम के लिए विभाग ने एनसीईआरटी को जो सुझाव दिए हैं वो इस प्रकार हैं.
1) कक्षा 1-5 तक के लिए अक्टूबर 2020 तक और कक्षा 6-12 तक के लिए लर्निंग आउटकम समझाते
हुए इन्फोग्राफिक्स/पोस्टर्स/प्रस्तुतियां तैयार करनी है.
2) कक्षा 1-5 के अध्यापकों के लिए ऑनलाइन टीचर ट्रेनिंग
कोर्स चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2020 तक पूरा किया जाना है और
कक्षा 6-12 के अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग कोर्स चरणबद्ध
तरीके से जून 2021 तक पूरा किया जाना है.
3) कक्षा 1-5 तक के छात्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से
दिसंबर 2020 तक वैकल्पिक शैक्षिक सामग्री तैयार कर ली जाये
खासकर उन बच्चों के लिए जिनके पास किसी प्रकार की ऑनलाइन सुविधा नहीं है. इसी
प्रकार कक्षा 6-12 के लिए ये सामग्री चरणबद्ध तरीके से जून 2021
तक तैयार करनी है.
4) प्रत्येक कक्षा के लिए प्रत्येक विषय के लर्निंग आउटकम के मूल्यांकन के
लिए कुशलता के दो स्तरों पर कम से कम दस प्रश्न कक्षा 1-5 तक
के लिए नवंबर 2020 तक और बाकि कक्षाओं के लिए मार्च 2021
तक बनाने हैं.
4) एनएएसईआरटी द्वारा एनएएस, 2017 के आधार पर, हार्ड स्पॉट की पहचान की गई है. दिसंबर 2020 तक
कक्षा 1 से 5 के इन हार्ड स्पॉट्स को
ख़त्म करने के लिए सामग्री तैयार की जाएगी वहीं बाकि कक्षाओं के लिए ये सामग्री
मार्च 2021 तक तैयार की जाएगी.
लर्निंग आउटकम के लिए सुझाव
अक्टूबर 2020 तक कक्षा 1 से 5 के लिए और कक्षा 6 से 12 के लिए लर्निंग आउटकम समझाते हुए इन्फोग्राफिक्स/पोस्टर्स/प्रस्तुतियां
तैयार करनी है। कक्षा 1 से 5 के
अध्यापकों के लिए ऑनलाइन टीचर ट्रेनिंग कोर्स चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2020 तक पूरा किया जाना है और कक्षा 6 से 12 के अध्यापकों के लिए ट्रेनिंग कोर्स चरणबद्ध तरीके से जून 2021 तक पूरा किया जाना है। कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2020
तक वैकल्पिक शैक्षिक सामग्री तैयार करनी है। खासकर उन बच्चों के लिए जिनके पास
किसी प्रकार की ऑनलाइन सुविधा नहीं है। कक्षा 6 से 12 के लिए ये सामग्री चरणबद्ध तरीके से जून 2021 तक
तैयार करनी है। प्रत्येक कक्षा के प्रत्येक विषय के लर्निंग आउटकम के मूल्यांकन के
लिए कुशलता के 2 स्तरों पर कम से कम 10
प्रश्न बनाने हैं। कक्षा 1 से 5 तक के
लिए ये नवंबर 2020 और बाकि कक्षाओं के लिए मार्च 2021 तक बनाने हैं।
नया राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क
(एनसीएफ)
स्कूली शिक्षा के लिए नए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम
फ्रेमवर्क (एनसीएफ) की भी शुरुआत कर दी गई है। यह उम्मीकद की जा रही है कि
एनसीईआरटी नए एनसीएफ के अनुसार ही पाठ्यपुस्तकों में परिवर्तन करेगी। विषय
विशेषज्ञ स्कूली शिक्षा के लिए इस प्रक्रिया को शुरू करेंगे और दिसंबर 2020 तक अंतरिम रिपोर्ट देंगे पाठ्यपुस्तकों को नया स्वरूप देते समय यह
सुनिश्चित किया जाएगा कि पाठ्यपुस्तकों में सिर्फ मुख्य सामग्री ही हो। इसके अलावा
एक बात यह भी है कि पाठ्यपुस्तकों का ज्ञान संबंधी भार बेहद अधिक है। अतिरिक्त
विषय क्षेत्रों जैसे कि रचनात्मक चिंतन, जीवन कौशल, भारतीय लोकाचार, कला, एवं
एकीकरण, इत्यासदि को एकीकृत करने की आवश्यकता है। एनसीईआरटी
इसके साथ ही नई पाठ्यपुस्तकों के लेआउट और डिजाइन पर भी काफी पहले से ही काम करना
शुरू कर देगी। हालांकि, नई पाठ्यपुस्तकों को नए एनसीएफ के
आधार पर ही लिखा जाएगा। नया एनसीएफ मार्च 2021 तक तैयार हो
जाने की उम्मीद है। आत्मएनिर्भर भारत’ के तहत ‘पीएम ई-विद्या’ के लिए एनसीईआरटी द्वारा स्वयं प्रभा
चैनलों (1 कक्षा 1 चैनल) हेतु कक्षा 1-12
के लिए सामग्री (कंटेंट) तैयार करने और इसी साल अगस्त तक चैनल शुरू
कर देने की भी उम्मीद है।