पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने दावा किया है उन्हें मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों की गोली से मारे गये अतहर मुश्ताक के परिवार के सदस्यों से मिलने से रोकने के लिए नजरबंद कर दिया गया है। अतहर मुश्ताक पिछले वर्ष 30 दिसंबर को श्रीनगर के बाहरी इलाके में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों की गोली से मारे गये तीन लोगों में से एक था।
सेना का दावा है कि मुठभेड़ में मारे गये ये तीनों आतंकवादी थे और उन्हें गोली मारे जाने से पहले आत्मसमर्पण करने का अवसर दिया गया था। इन तीनों के परिवार के सदस्यों का दावा है कि ये निर्दोष थे और इन्हें फर्जी मुठभेड़ में मारा गया है।
महबूबा ने कहा कि वह मुश्ताक के परिवार के सदस्यों से मिलने जाने वाली थीं, लेकिन उन्हें उनके फेयरव्यू गुप्कर आवास में नजरबंद कर दिया गया है।
पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) की उपाध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा, “फर्जी मुठभेड़ में मारे गये अतहर मुश्ताक के परिवार से मिलने की कोशिश करने पर नजरबंद कर दिया गया है। मुश्ताक का शव मांगने पर उसके पिता पर युएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया है। यही सामान्य स्थिति है जिसे भारत सरकार कश्मीर का दौराना करने वाले यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल को दिखाना चाहती है।”
उन्होंने कहा, “कश्मीर में दमन और आतंक के इस शासन की सच्चाई को भारत सरकार देश के बाकि हिस्सों से छिपाना चाहती है। एक 16 वर्षीय लड़के को मार दिया जाता है और जल्दबाजी में उसके शव को दफन कर अंतिम संस्कार करने के उसके परिवार के अधिकार को भी छीन लिया जाता है।”