एक निजी चैनल के एडिटर-इन-चीफ अर्णव गोस्वामी की गिरफ्तारी को लेकर आक्रोशित मीडियाकर्मियों ने महाराष्ट्र सरकार की भर्त्सना करते हुए मीडिया क्लब के अध्यक्ष आलोक मालविया द्वारा एडीएम (सिटी) अशोक कनौजिया को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा।
मालविया ने अर्णव की गिरफ्तारी को महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला और आपातकाल के दिनों की याद करने वाला बताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र सरकार ने जिस तरह से पुलिस के साथ मिलकर खेल खेला है वह पूर्वाग्रह से प्रेरित लगता है। उन्होंने बताया कि मीडिया जगत को चौथा स्तंभ इसलिए बताया गया है कि वह समाज का दर्पण है और सच्चाई को लोगों के सामने परोसने का कार्य करता है। इस सच्चाई में अक्सर उन लोगों का चेहरा बेनकाब होता है जो नकाब की आड़ में समाज में घृणित कार्य करते हैं।
मालविया ने इसे''प्रतिशोध की राजनीति'' और ''प्रेस की स्वतंत्रता को कुचलने'' का आरोप लगाया गया। उन्होंने कहा कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु को लेकर अर्णव ने अपने चैनल से महाराष्ट्र सरकार और पुलिस की पोल खोल दी थी। उसी का बदला सीधा नहीं लेकर दूसरी तरह लिया गया है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार देश के चौथे स्तंभ को गलत तरीके से गिरफ्तार कराने का घृणित कार्य किया है। यह हमला केवल गोस्वामी तक नहीं है बल्कि पूरी मीडिया जगत का है। महाराष्ट्र सरकार और वहां की पुलिस को अर्णव ने तनिक आईना दिखाने का कार्य किया था। सरकार को जब उसका वास्तविक चेहरा दिखाया गया तो उसने अपना चेहरा साफ करने के बजाए चौथे स्तंभ को गिरफ्तार कराया। उन्होंने कहा हम टूटेंगे नहीं, गिरेंगे नहीं, हम एकजुट रहेंगे।
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार वीरेन्द्र पाठक, सचिव रितेश सिंह कोषाध्यक्ष पंकज श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे।