उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के सिद्धपीठ हथियाराम मठ पर महाशिवरात्रि के दिन सवा लाख शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा की जायेगी ।
महाशिवरात्रि पूजा की विस्तृत जानकारी देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी भवानीनन्दन यति जी महाराज ने मंगलवार को कहा कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी दरअसल शिव और शक्ति के मिलन की रात का पर्व है। शिवरात्रि की रात आध्यात्मिक शक्तियां जागृत होती हैं।
उन्होंने कहा कि शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन ज्योतिष उपाय करने से सभी परेशानियां खत्म हो सकती हैं। महाशिवरात्रि के दिन शुभ काल के दौरान ही महादेव और पार्वती की पूजा की जानी चाहिए तभी इसका फल मिलता है। शिवरात्रि का दिन बेहद खास माना जाता है। इस दिन भक्तगण देवाधिदेव भोलेनाथ की पूजा और व्रत करें, तो निश्चित रूप से इच्छित फल की प्राप्ति कर सकते हैं।
महाशिवरात्रि पर होने वाला महारूद्र स्वाहाकर (हरिहरात्मक) का शुभारंभ 20 फरवरी गुरुवार को सुबह 7 बजे से पूजन-अर्चन के साथ होगा। 21 फरवरी शुक्रवार को दोपहर में असंख्य पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया जायेगा और रात में महानिशा पूजा होगी। अगले दिन शनिवार को पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन होगा।