आम जनता की सक्रिय सहभागिता से ही मध्य प्रदेश लोकतंत्र एवं सुशासन के क्षेत्र में देश का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बना : शिवराज सिंह चौहान

05-04-2022 10:50:11
By : Ravinder Kumar


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि निर्णय प्रक्रिया में आम जनता की सक्रिय सहभागिता से ही उनका राज्य लोकतंत्र एवं सुशासन के क्षेत्र में देश के सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बन कर उभरा है।

चौहान ने सोमवार रात यहां आयोजित एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022 के जारी किये जाने के अवसर पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज से 15 वर्ष पहले मध्यप्रदेश जिन क्षेत्रों में बहुत पीछे था और बीमारू राज्य कहलाता था, उन क्षेत्रों में लगातार प्रगति के प्रयास किए गए और जन-भागीदारी से विकास का मॉडल लागू किया गया।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जनभागीदारी का माॅडल लोकतंत्र का सच्ची भावना पर आधारित है। उन्होंने सरकार के निर्णय लेने की प्रक्रिया में लोगों की राय को शामिल किया। इसके लिए पंचायतें लगायीं और हर वर्ग के लोगों की राय के आधार पर योजनाएं बना कर उन्हें लागू किया। उन्होंने कहा, “अगर निर्णय प्रक्रिया में लोगों की भागीदारी नहीं होगी तो सच्चा लोकतंत्र कैसे हो सकता है।” उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम है कि मध्यप्रदेश पहले विकासशील राज्य बना और अब विकसित प्रदेशों की पंक्ति में खड़ा है। पिछले दो साल में कोविड महामारी के नियंत्रण में भी इसी मॉडल की उपयोगिता सिद्ध हुई। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश निरंतर जन-भागीदारी के साथ विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने का कार्य करेगा।

कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, कृषि मंत्री कमल पटेल, सांसद, विधायक, संयुक्त राष्ट्र एवं विभिन्न देशों के प्रतिनिधि एवं मध्यप्रदेश कैडर के वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस और वन सेवा के अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में अग्रणी रहकर सफलता प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि मोदी भारत राष्ट्र के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उनके अंदर एक दिव्य शक्ति विराजित है जो उनसे बड़े बड़े काम करा रही है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में तीन लाख किलोमीटर लंबाई की सड़कें विभिन्न योजनाओं में निर्मित की गईं। बिजली का उत्पादन 05 हजार मेगावॉट से बढ़ाकर 21 हजार मेगावॉट तक पहुँचाया गया। कई बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करने वाले मध्यप्रदेश ने पंजाब और हरियाणा को गेहूँ उपार्जन में पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश का सोने जैसे दानों वाला गेहूँ अमेरिका सहित अनेक देशों में निर्यात होता है। अब गेहूँ के निर्यात के लिए प्रयास बढ़ाए जा रहे हैं। प्रदेश में निर्यात संवर्धन परिषद भी बनाई गई है। मध्यप्रदेश में सिंचाई योजनाओं से लाभान्वित सिंचाई रकबा साढ़े सात लाख हेक्टेयर से बढ़ कर 43 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने केन-बेतवा योजना की मंजूरी से मध्यप्रदेश के बड़े इलाके को लाभान्वित करने की पहल की है। मध्यप्रदेश में अन्य नदी जोड़ों परियोजनाएँ भी क्रियान्वित हो रही हैं। प्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत देश में सर्वाधिक है। देश की अर्थ-व्यवस्था में मध्यप्रदेश 4.6 प्रतिशत का योगदान दे रहा है। सकल घरेलू उत्पाद में बीते दशक में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अवसंरचना क्षेत्र में 48 हजार करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना में 10 हजार करोड़ की राशि का प्रावधान किया है। जल जीवन मिशन के कार्यों में 12 हजार करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। लाडली लक्ष्मी योजना की सफलता देश के लिए उदाहरण बनी है। प्रदेश में 43 लाख लाड़ली लक्ष्मियाँ हैं। बालिका और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में लगातार कार्य हो रहा है।



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