जाट रेजिमेंट को तीनों सेनाओं में और दिल्ली पुलिस को केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में गणतंत्र दिवस के सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते की ट्रॉफी प्रदान की गयी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को जाट रेजिमेंट और दिल्ली पुलिस को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते की ट्रॉफी दी। जाट रेजिमेंट की ओर से ब्रिगेडियर आदर्श के. बुटेल और सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) वीरेन्द्र ने तथा दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष पुलिस आयुक्त रॉबिन हिबू और सहायक पुलिस आयुक्त विवेक भगत ने ट्रॉफी प्राप्त की। जूरी के दो पैनलों ने इन दोनों दस्तों को सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते घोषित किया।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने कहा कि यह उनके कठोर परिश्रम और प्रतिबद्धता का सम्मान है। उन्होंने जाट रेजिमेंट के साहस और शौर्य की तथा दिल्ली पुलिस की अतिरिक्त जिम्मेदारियों के कुशलतापूर्वक निर्वहन के लिए प्रशंसा की।
सिंह ने कहा, ‘‘दिल्ली भारतीय गणतंत्र का मुख्य केन्द्र है, इसलिए सभी प्रतिकूल परिस्थितियों के केन्द्र में भी है। यह सराहनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी की आंतरिक और बाह्य खतरों से सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के साथ-साथ दिल्ली पुलिस ने लगातार सर्वश्रेष्ठ मार्चिंग दस्ते की ट्रॉफी जीती है।’’
देश की विविध संस्कृति और धर्मों का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अलग-अलग दस्तों द्वारा किया जाने वाला मार्च पास्ट देश की अनेकता में एकता का प्रतीक है और यह राष्ट्रीय गौरव की भावना तथा हमारी सशस्त्र सेनाओं की तैयारी को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमारी सशस्त्र सेनाएं इस मंत्र को जानती हैं कि ‘शांतिकाल में आप जितना पसीना बहाते हैं, युद्धकाल में उतना ही कम खून बहाना पड़ता है’। श्री सिंह ने कहा, “हमारी सेनाएं यह सुनिश्चित करती हैं कि शांति , सद्भाव तथा एकता और अखण्डता हमेशा कायम रहे।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रतिबंधों के बावजूद सेनाओं ने पूरे उत्साह और उमंग के साथ राजपथ पर हुई परेड में हिस्सा लिया। यह देश के लिए गर्व का विषय है।
इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया, थलसेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और अध्यक्ष डॉ. जी. सतीश रेड्डी , रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ सैनिक और असैनिक अधिकारी तथा गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।