गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 319 किलोमीटर की लम्बाई में नदियों और दुर्गम स्थानों के कारण बाड़ लगाना संभव नहीं है।
राय ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि नदियों और दुर्गम स्थान वाले क्षेत्रों में घुसपैठ की घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील कैमरे लगाये गये हैं। इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी नदियों में नाव के माध्यम से घुसपैठ की घटनाओं पर नजर रखते हैं। उन्होंने कहा कि 249 किलोमीटर क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण बाड़ नहीं लगाया जा सका है। जमीन उपलब्ध होने पर बाड़ लगा दिया जायेगा।
राय ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण लगभग 60 किलोमीटर में बाड़ नहीं लगाया जा सका है । इन स्थानों से घुसपैठ का प्रयास होते रहते हैं, जिसे सीमा सुरक्षा बल के जवान विफल करते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 से 2020 के दौरान कुल 2548 घुसपैठ की घटनाएं हुई। इस संबंध में 2014 प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज की गई तथा 4189 लोगों को नामजद किया गया। उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल के जवान घुसपैठिये को पकड़ते हैं और राज्य सरकार को सौंप देते हैं। राज्य सरकार कड़ी कार्रवाई नहीं करती जिससे बहुत कम लोगों को सजा मिल पाती है ।