भारतीय जूडो खिलाड़ी हंगरी में 23-25 अक्टूबर तक आयोजित बुडापेस्ट ग्रैंड स्लेम प्रतियोगिता में टोक्यो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल करने के लक्ष्य के साथ उतरेंगे।
केन्द्रीय खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने बुडापेस्ट ग्रैंड स्लेम प्रतियोगिता के लिए हंगरी रवाना होने से पहले राजधानी में अपने निवास पर सोमवार को भारतीय जूडो टीम के सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं। इस प्रतियोगिता से ओलंपिक खेलो के लिये कोटा स्थान तय होगा। हंगरी जाने वाले इस दल में पांच जूडो खिलाड़ी और प्रशिक्षक जीवन शर्मा शामिल हैं।
खेल मंत्री ने टूर्नामेंट के लिए टीम की सफलता की कामना की और कहा कि 2024 और 2028 के ओलंपिक खेलों के लिए एक मजबूत प्रतिभा उभर कर आए, इसके लिये हमारी तैयारी सही दिशा में चल रही है। उन्होंने कहा, “टीम हंगरी के लिए रवाना हो रही है और मुझे उम्मीद है कि हमारे कुछ एथलीट ओलम्पिक के लिये क्वालीफाई करेंगे। जूडो हमारे लिए एक प्राथमिकता वाला खेल है और हम प्रशिक्षण सुविधाओं और प्रशिक्षकों के मामले में क्षमता बढ़ाएंगे। हमारे विचार से विशेष वर्ग के एथलीटों को पूरा समर्थन दिया जाए जिससे 2024 और 2028 के ओलंपिक खेलों में प्रतिस्पर्धा कर सकने वाले युवा एथलीटों के टैलेंट पूल का निर्माण किया जा सके। हम महासंघ से इस योजना के बारे में विस्तृत रोडमैप पर विचार-विमर्श करेंगे।”
यह पहला टूर्नामेंट होगा जिसमें भारतीय जूडो खिलाड़ी भाग लेंगे क्योंकि कोरोनो वायरस महामारी के कारण राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था, जिसके कारण प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्रा भी स्थगित कर दी गई थी।