उत्तराखंड से प्रथम महिला मेजर जनरल बनीं स्मिता देवरानी
भारतीय सेना में नारी शक्ति का इकबाल तेजी से बुलंद हो रहा है। विभिन्न स्तर पर अपनी प्रतिभा और योग्यता का परचम लहराते हुए महिला शक्ति अब रक्षा क्षेत्र में भी नित नए आयाम छूकर कीर्तिमान स्थापित कर रही है। पहले सर्वोच्च न्यायालय ने सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन देने का निर्णय सुनाते हुए कमांड पोजीशन पर नारी शक्ति की नियुक्ति का आदेश दिया, जिसके बाद महिलाओं को परमानेंट कमीशन मिलने का रास्ता साफ हो गया।
भारतीय सेना में महिलाओं को कमांड पोस्टिंग देने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद बीते फरवरी माह में को मेजर जनरल माधुरी कनितकर को लेफ्टिनेंट जनरल की रैंक पर पदोन्नत किया गया। माधुरी ऐसी तीसरी महिला बनीं, जिन्हें लेफ्टिनेंट जनरल पद पर तैनाती दी गई। अब देश की सशस्त्र सेनाओं में सेवा करने की उत्तराखंडी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, स्मिता देवरानी भारतीय सेना में मेजर जनरल के प्रतिष्ठित पद तक पहुंचने वाली देवभूमि की पहली महिला बन गई हैं।अभी तक बतौर ब्रिगेडियर सेना मुख्यालय में निदेशक मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) के पद पर तैनात स्मिता देवरानी को मेजर जनरल बनाया गया है। स्मिता मेजर जनरल पद पर पहुंचने वाली उत्तराखंड की पहली महिला हैं। देवभूमि के एक छोटे से पहाड़ी गांव जुड़ी स्मिता देवरानी ने भारतीय सेना में मेजर जनरल पद तक पहुंचकर इतिहास रच दिया है। भारतीय सेना में उनकी गौरवशाली उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें ब्रिगेडियर से मेजर जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया है। सौम्य व मिलनसार स्मिता की पढ़ाई दिल्ली से हुई है, वह अविवाहित हैं। स्मिता आगामी अक्टूबर माह में मेजर जनरल पद ग्रहण करेंगी।
बहन अमिता भी हैं सेना में ब्रिगेडियर
स्मिता देवरानी और उनकी बहन अमिता देवरानी दोनों ही भारतीय सेना की मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में कार्यरत हैं। स्मिता की बहन ब्रिगेडियर अमिता देवरानी वर्तमान में पुणे स्थित कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एएफएमसी) में प्रिंसिपल के पद सेवारत हैं। स्मिता और अमिता इससे पहले मिलिट्री नर्सिंग सर्विस यानी एमएनएस में विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर तैनात रह चुकी हैं। ब्रिगेडियर स्मिता देवरानी अभी तक सेना मुख्यालय में निदेशक मिलिट्री नर्सिंग सर्विस के पद पर तैनात थीं।
पौड़ी-गढ़वाल के दुगड्डा ब्लॉक स्थित गांव डुंडेख की हैं रहने वाली
स्मिता और अमिता देवभूमि उत्तराखंड के जनपद पौड़ी-गढ़वाल स्थित दुगड्डा ब्लॉक के गांव डुंडेख की रहने वाली हैं। गांव डुंडेख यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। देवभूमि को गौरवांवित करने वाली बेटी की को मेजर जनरल बनाए जाने पर न केवल उनके गांववासी ही, बल्कि पूरे क्षेत्र के लोग अत्यंत प्रफुल्लित हैं। स्मिता की इस उपलब्धि पर न केवल उनके परिजनों और ग्रामवासियों को ही, बल्कि समूचे उत्तराखंड समेत पूरे देश को गर्व है। स्मिता और उनकी बहन अमिता उत्तराखंड की बेटियों के लिए रोल मॉडल हैं।
क्षेत्र के प्रतिष्ठित परिवार से है संबंध
स्मिता देवरानी का संबंध क्षेत्र के प्रतिष्ठित परिवार से है। स्मिता देवरानी प्रख्यात गढ़वाली साहित्यकार भोलादत्त देवरानी की पौत्री हैं। केंद्रीय सचिवालय में उच्च पद पर कार्यरत रहे भोलादत्त देवरानी ने नल दमयन्ति, पाखू घस्यारी और मलेथा की गूल आदि कई प्रसिद्ध पुस्तकों का लेखन किया था। मेजर जनरल स्मिता के पिता शम्भू प्रसाद देवरानी खेल और वित्त सचिव जैसे प्रतिष्ठित पदों पर रह चुके हैं, वे दिल्ली सचिवालय में तैनात थे। स्मिता की मां सुशीला देवरानी गृहिणी हैं। स्मिता के एक चाचा रमेश चन्द्र देवरानी खेल सचिव दिल्ली रह चुके हैं और दूसरे सुरेश चन्द्र देवरानी भारत में वन अनुसंधान संस्थान के निदेशक और नागालैंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं।