शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल होने की तरफ बढ़ रहा है भारत
सूचना-संचार तकनीक की दुनिया में हो रहे नित-नए परिवर्तनों के चलते भारत अब शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल होने की तरफ बढ़ रहा है। ऑब्जर्वर डॉन की डिजिटल भारत स्टोरी के दूसरे अंश में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे डिजिटलीकरण पर आधारित इस लेख में हमने एजुकेशन में टेक्नॉलोजी के बढ़ते चलन पर प्रकाश डाले का प्रयास किय है।
संकटमाल में शिक्षण संस्थानों अपनाया ऑनलाइन एजुकेशन का मार्ग
देशबंदी के कारण स्कूल-कॉलेजों में शिक्षणरत विद्यार्थियों का अध्ययन कार्य प्रभावित हुआ। कोरोनाजन्य महामारी के कारण इस साल बीती 24 मार्च को देशव्यापी बंदी (लॉक डाउन) लागू की गई, जिसे बाद में चरणबद्ध तरीके से बढ़ाते हुए 31 मई तक सख्ती के साथ जारी रखा गया और 1 जून से चयनित रियायतों का दौर शुरू हुआ। हालांकि बाद में अधिकांश शिक्षण संस्थानों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए विकल्प के रूप में ऑनलाइन एजुकेशन का मार्ग अपनाने का फैसला किया। तमाम शैक्षिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों ने इस संदर्भ में जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी किए। जिसके बाद अधिकांश शिक्षण संस्थानों से संबद्ध अध्यापक नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए अध्यापन का कार्य कर रहे हैं और विद्यार्थियों का अध्ययन अनवरत जारी है।
ई-लर्निंग को प्रोत्साहन देने को दीक्षा पोर्टल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि भारत के पास संभवत: विश्व की सबसे विशालतम अवसंरचना है, इस अवसंरचना ने कोविड-19 की परिस्थिति के दौरान धन को गरीबों और जरूरतमंदों तक सीधे हस्तांतरित कर करोड़ों परिवारों को लाभ पहुंचाने में हमारी अपार सहायता की है। इसी संबंध में एक अन्य बिंदु शिक्षा क्षेत्र है, अनेक उत्कृष्ट व्यवसायी इस क्षेत्र में पहले से नवाचारों में संलग्न हैं, इस क्षेत्र में उत्साहजनक प्रौद्योगिकी के अपने लाभ हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने शिक्षकों की मदद करने और ई-लर्निंग को प्रोत्साहन देने के लिए दीक्षा पोर्टल जैसे प्रयास भी किए हैं, अनेक भाषाओं में उपलब्ध ई-पाठशाला, विविध ई-पुस्तकों और ऐसी ही शिक्षण सामग्री तक पहुंच बनाने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि भारत अपने नवोन्मेषी उत्सा्ह के लिए विख्यात एक युवा राष्ट्र है, जो नई कार्य संस्कृति प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
ऐप के जरिए किया जा रहा है अध्यापन-अध्ययन का कार्य
नई व्यवस्था के तहत अध्यापन-अध्ययन के लिए अब स्काइप, गूगल मीट, माइक्रोसॉफ्ट टीम्स और जूम इत्यादि ऐप के जरिए ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। बहुत से संस्थानों में इस ऑनलाइन शिक्षण को रिकॉर्ड भी किया जा रहा है। संबंधित अध्यापक अपने विषय से संबंधित तैयार किए गए नोट्स पीपीटी इत्यादि विभिन्न डिजिटल मंचों व्हाट्सएप, फेसबुक, ईमेल, संस्थान की वेबसाइट, यूट्यूब और गूगल मीट आदि माध्यमों से विद्यार्थियों के लिए अपलोड और शेयर कर रहे हैं। संबंधित विषय में तैयार किए गए असाइनमेंट विद्यार्थियों में उल्लेखित माध्यमों से वितरित किए जा रहे हैं।
ऑनलाइन कक्षाओं का और बढ़ सकता है चलन
संकटकाल में पढ़ाई-लिखाई में कोई व्यवधान न हो इसके लिए अध्यापन-अध्ययन का कार्य अब ऑनलाइन कक्षाओं के जरिए किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से फैली महामारी से बचाव के इस दौर में अध्ययन-अध्यापन के लिए तकनीक के इस इस्तेमाल ने भविष्य के लिए भी एक व्यापक राह दिखाने का काम किया है। उम्मीद है कि अब सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने को पर्याप्त तरीके से पहल की जाएगी, जिसके बाद देश में ऑनलाइन कक्षाओं का चलन बढ़ सकता है।