भारत और अमेरिका ने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए हवा से लांच किये जाने वाले मानव रहित यानों के लिए एक परियोजना समझौता पर हस्ताक्षर किये हैं।
रक्षा मंत्रालय और अमेरिका के रक्षा विभाग के बीच इस समझौते पर रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (डीटीटीआई) में हवाई प्रणालियों से संबंधित संयुक्त कार्य समूह के तहत गत 30 जुलाई को हस्ताक्षर किये गये। रक्षा मंत्रालय ने आज एक वक्तव्य जारी कर यह जानकारी दी। यह समझौता दोनों देशों के बीच जनवरी 2006 में किये गये समझौता ज्ञापन के आधार पर किया गया है। दोनों देशों ने इस समझौता ज्ञापन पर जनवरी 2015 में दोबारा हस्ताक्षर किये थे। इसे दोनों देशों के बीच रक्षा उपकरणों के सह विकास के माध्यम से रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
गत 30 जुलाई को हुए समझौते पर वायु सेना की ओर से एसिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (योजना) एयर वाइस मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी और अमेरिकी वायु सेना की एयर फोर्स सिक्योरिटी एसिस्टेंट के निदेशक ब्रिगेडियर जनरल ब्रायन आर ब्रुकबेयर ने हस्ताक्षर किये।
समझौता परियोजना के तहत दोनों देश मिलकर इन मानव रहित यानों का प्रोटोटाइप तैयार करेंगे।