भारत के जंगी बेड़े के जखीरे में ब्रह्मोस, निर्भय, प्रहार, पृथ्वी, धनुष, अग्नि, सागरिका, शौर्य और आकाश मिसाइल समेत तरह की अचूक और मारक मिसाइल मौजूद हैं। यह अलग-अलग श्रेणी की मिसाइल जमीन, पानी, पनडुब्बी और हवा से वार करने में सक्षम हैं। भारत के पास टैंक डेस्ट्रॉयर मिसाइल नाग और मल्टी राकेट लांचर पिनाक भी है। सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम दूरी की विशेष इजरायली मिसाइलें भारत के मिसाइल जखीरे में जल्द ही शामिल होने वाली हैं।
भारतीय नौसेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के क्रम में इजरायली कंपनी इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के साथ इन विशेष मिसाइलों को खरीदने के लिए पांच करोड़ डॉलर यानी करीब 345 करोड़ रुपये का रक्षा सौदा किया है। इस सौदे के तहत पिछले दिनों एक मल्टी सिस्टम ट्रायल भी पूरा किया गया है। इतना ही नहीं भारत अब एंटी सैटेलाइट मिसाइल (ए-सैट) से भी लैस है। ए-सैट मिसाइल को इसरो और डीआरडीओ ने संयुक्त अभियान के दौरान विकसित किया है।
ब्रह्मोस मिसाइल
ब्रह्मोस को जमीन, पानी, पनडुब्बी, और हवा से कहीं से भी फायर किया जा सकता है। इसे भारत और रूस ने मिलकर डीआरडीओ के डिजाइन पर विकसित किया है। भारत इसकी रफ्तार लगभग 3 मैक से बढ़ाकर 5 मैक तक बढ़ाकर इसे हाइपरसोनिक मिसाइल में परिवर्तित करने की तैयारी में है। भारत ने इस मिसाइल का परिक्षण 2004 में पोखरण में किया था। यह एक सोलेड प्रोपेल्ड बूस्टर इंजन के साथ स्टील्थ सिस्टम और गाइडेड टेक्नोलॉजी से लैस मिसाइल है। 290 किमी मारक क्षमता के साथ यह 200 से 300 किग्रा का वार हेड ले जाने में सक्षम है। यूनिवर्सल फॉर मल्टिपल प्लेटफॉर्म्स पर आधारित यह खतरनाक मिसाइल हवा, पानी और जमीन से मार करती है और ध्वनि की गति से पांच गुना ज्यादा तेज चलती है। ब्राह्मोस की तकनीक में इजाफा होने के बाद भारत अब इसकी लक्ष्य क्षमता यानी मारक दूरी भी बढ़ा सकता है, जिसके बाद अब ब्रह्मोस की दूरी 500 किमी हो जाएगी।
सुपरसोनिक क्रुज मिसाइल
को रोक पाना काफी मुश्किल होता है। ब्रह्मोस का एक मिनी वर्जन भी विकसित किया गया है, जिसका नाम ब्रह्मोस-एनजी है। ब्रह्मोस -एनजी की स्पीड 3.5 मैक और मारक क्षमता 300 किमी तक है। भारत अब ब्रह्मोस मिसाइल अन्य देशों को बेचने में सक्षम है।
निर्भय मिसाइल
डीआरडीओ ने अप्रैल 2019 में निर्भय मिसाइल के दूसरे वर्जन का परीक्षण किया। लॉन्ग रेंज सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय को किसी भी प्लेटफार्म से लांच कर सकते है। इसकी रेंज 1000 से 1500 किमी है, यह न्यूक्लियर वार हेड ले जाने में सक्षम है।
प्रहार मिसाइल
प्रहार जमीन से जमीन पर मार करने वाली कम दूरी की सामरिक मिसाइल है। इसे डीआरडीओ ने विकसित किया है। ठोस इंधन द्वारा चालित इस मिसाइल की मारक क्षमता 150 किमी है। इस मिसाइल को मोबाइल लांचर से भी लांच किया जा सकता है। यह विभिन्न प्रकार के वार हेड और 200 किग्रा का पेलोड ले जाने में सक्षम है। इससे हर दिशा में फायर किया जा सकता है।
पृथ्वी मिसाइल
पृथ्वी भारत की पहली स्वदेशी मिसाइल है। शॉर्ट रेंज की जमीन से जमीन पर मार करने वाली इस मिसाइल का वर्ष 1988 में पहली बार परीक्षण हुआ था। इसका वजन 4400 किग्रा है। सिंगल स्टेज लिक्विड फ्यूल इंजन मिसाइल पृथ्वी - 2 की रेंज 250 से 300 किमी और पृथ्वी -3 टू स्टेज सॉलिड फ्यूल इंजन मिसाइल की मारक रेंज 350 से 600 किमी है। यह 1000 किलो का वारहेड ले जाने में सक्षम हैं।
धनुष मिसाइल
धनुष मिसाइल पृथ्वी का ही अगला वेरिएंट है। यह शॉर्ट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 350 से 750 किमी है। यह मिसाइल न्यूक्लियर, केमिकल वेपन को ले जाने में सक्षम है, इसका पहला परीक्षण 5 अक्टूबर 2012 को किया गया था।
अग्नि मिसाइल
अग्नि मिसाइल के 6 चरण हैं। अग्नि 1 और 2 मीडियम रेंज बैलेस्टिक मिसाइल है। अग्नि 3 और अग्नि 4 इंटरमीडिएट रेंज बैलेस्टिक मिसाइल, अग्नि 5 और 6 इंटर कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। अग्नि -1 की रेंज 700 -1200 किमी, अग्नि 2 की रेंज - 2000 से 3000 किमी, अग्नि -3 3500 से 5000 किमी, अग्नि 4 की रेज 3000 से 4000 किमी है , अग्नि 5 की रेंज 5000 से 8000 किमी है और अग्नि 6 की रेंज 8000 से 10 000 किमी होगी।
सागरिका : के - 15 मिसाइल
इस स्वदेशी मिसाइल को इंडियन नेवी के लिए विकसित किया गया है। यह न्यूक्लियर मिसाइल है जिसे पनडुब्बी से भी दागा जा सकता है। इस मिसाइल की मारक क्षमता 1000 किग्रा पे लोड के साथ 750 किमी तक और 180 किग्रा के पे लोड के साथ 1900 किमी तक है।
शौर्य मिसाइल
'शौर्य' स्वदेशी तकनीक से विकसित की गई हाइपरसोनिक सतह से सतह पर मार करने वाली सामरिक मिसाइल (टैक्टिक मिसाइल) है। इसकी मारक क्षमता 700 किमी है और यह 1000 किग्रा के पे लोड ले जाने में सक्षम है। इस मिसाइल की रफ़्तार 7 मैक से ज्यादा है।
आकाश मिसाइल
आकाश मिसाइल सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है, जिसकी मारक क्षमता 30 किमी है। भारत वर्ष 1983 से आकाश मिसाइल पर काम कर रहा था। यह विमान को मार गिराने में सक्षम है। 60 किलो विस्फोटक से लैस आकाश ऑटोमेटिक मिसाइल सिस्टम एक साथ 64 निशानों की निगरानी रख सकता है। यह 5 विमानों पर एक साथ हमला कर सकता है। आधुनिक रडार सिस्टम के साथ आकाश मिसाइल सिस्टम काफी कारगर है।
टैंक डेस्ट्रॉयर नाग मिसाइल
टैंक डेस्ट्रॉयर नाग मिसाइल स्वदेश में निर्मित तीसरी जनेरेशन की मिसाइल है। यह दिन और रात दोनों समय हमला करने में सक्षम है। इसे विकसित करने की योजना 1980 में शुरू हुई थी और अब इसे भारतीय सेना में शामिल कर लिया गया है। इसकी मारक क्षमता 500 मीटर से 6 किमी तक की है। यह 8 किग्रा वार हेड ले जा सकती है। यह 42 किग्रा वजनी है, जिसे निमिका नाम के करियर से दागा जा सकता है। इसका एक हैलिना वर्जन भी है, जिसे हेलिकॉप्टर के माध्यम से हवा में दागा जा सकता है। यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकंड के रफ़्तार से हमला कर सकती है। इमेजिंग इंफ्रारेड, मिलिमैट्रिक वेव जैसे गाइडेड सिस्टम से लैस इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है।
पिनाक : मल्टी बैरल राकेट लांचर
पिनाक एक मल्टी राकेट लांचर है जिसको डीआरडीओ के द्वारा विकसित किया गया है। इसके दो वर्जन हैं। जिनमें मार्क-1 की मारक क्षमता 40 किमी और मार्क - 2 की रेंज 75 किमी है। यह 44 सेकंड में 12 राकेट को एक साथ दाग सकता है। पिनाक राकेट लॉन्चर कारगिल वार के समय से ही भारतीय सेना में शामिल है। दुश्मनों को निष्क्रिय और पहाड़ी क्षेत्रों की लड़ाई जीतने के लिए यह एक कारगर हथियार है। हाल ही में पिनाक के वर्जन को अपडेट करते हुए इससे लेजर गाइडेड मिसाइल का पोखरण में परीक्षण किया है, जिसके बाद यह अब और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है।
बराक 8 बैलिस्टिक मिसाइल
बराक 8 इंडो-इजरायल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे एलआरएसएएम या एमआरएसएएम के नाम से भी जाना जाता है। यह इंडो-इजरायल बैलिस्टिक मिसाइल सतह से हवा में मार करने में सक्षम उन्नत तकनीक वाली मिसाइल है। समुद्री और भूमि आधारित दोनों प्रकार की प्रणाली वाली यह मिसाइल विमान, हेलीकॉप्टर, एंटी-शिप मिसाइल और यूएवी के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइल, क्रूज मिसाइल और लड़ाकू जेट सहित किसी भी प्रकार के हवाई खतरे से बचाव करने में सक्षम है। इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीआ), इजराइली कंपनी इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया था। देश में इन मिसाइलों का उत्पादन भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा किया जा रहा है।