दिल्ली में 11 नवंबर से शुरू होगा हुनर हाट

10-11-2020 10:17:57
By : Sanjeev Singh


केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज बताया कि यहां पीतमपुरा में 11 से 22 नवम्बर तक आयोजित होने वाले “हुनर हाट” में मिट्टी से बने अद्भुत खिलौने एवं अन्य आकर्षक उत्पाद, कुम्हार कला की जादूगरी, मेटल से बने विभिन्न उत्पाद और देश के कोने-कोने से लकड़ी, जूट, बेंत-बांस से बने दुर्लभ हस्तनिर्मित उत्पाद प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।


नकवी ने कहा कि देश के हर क्षेत्र में देशी उत्पादन की बहुत पुरानी और पुश्तैनी परंपरा रही है, वह लुप्त हो रही थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने के आह्वान ने भारत के स्वदेशी उद्योग में नई जान डाल दी है। कोरोना की चुनौतियों के चलते लगभग सात महीनों के बाद “लोकल के लिए वोकल” थीम के साथ पीतमपुरा के दिल्ली हाट में 11 नवम्बर से पुनः शुरू हो रहे ‘हुनर हाट’ में माटी, मेटल और मचिया (लकड़ी-जूट के सामान) के उत्पादन प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे।


उन्होंने कहा कि देश का हर क्षेत्र, लकड़ी, ब्रास, बांस, शीशे, कपडे, कागज़, मिट्टी के शानदार उत्पाद बनाने वाले ‘हुनर के उस्तादों” से भरपूर है। इनके इस शानदार स्वदेशी उत्पादन को मौका-मार्किट मुहैया कराने के लिए "हुनर हाट" बड़ा प्लेटफार्म देने जा रहा है। स्वदेशी उत्पादों की आकर्षक पैकेजिंग के लिए भी विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से दस्तकारों-शिल्पकारों की मदद की जा रही है। इससे "आत्मनिर्भर भारत" अभियान को और मजबूती मिल रही है।


नकवी ने कहा कि पीतमपुरा में आयोजित हो रहे ‘हुनर हाट’ में 100 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इस ‘हुनर हाट’में विभिन्न राज्यों से मिट्टी एवं मेटल से बने खिलौने, असम के ड्राई फ्लावर्स, आंध्र प्रदेश के पोचमपल्ली इक्कट, बिहार की मधुबनी पेंटिंग्स, दिल्ली की कैलीग्राफी पेंटिंग, गोवा से हैंड ब्लॉक प्रिंट, गुजरात से अजरख, जम्मू-कश्मीर से पश्मीना शाल, झारखण्ड से तुसार सिल्क और बेंत-बांस से निर्मित उत्पाद, कर्नाटक से लकड़ी के खिलौने, मध्यप्रदेश से हर्बल उत्पाद, बाघ प्रिंट, बटिक; महाराष्ट्र से बांस से निर्मित उत्पाद; मणिपुर से हस्तनिर्मित खिलौने; उत्तर प्रदेश से लकड़ी एवं कांच के खिलौने; आयरन निर्मित खिलौने आदि आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र होंगे। इसके अलावा यहाँ आने वाले लोग बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा आदि के लजीज़ पारम्परिक पकवानों का आनंद भी ले सकेंगे।



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