हम एक ऐसे युग में रह रहे है जिसमे तकनीकी परिवर्तन लगातार देखने को मिलते है.
आने वाले एक दशक में तकनीक में आने वाला परिवर्तन अर्थव्यवस्था और व्यापार मार्केट का आकार ही बदल देगा.
ऐसा ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है. विश्व में लागातार तकनीक में हो रहे विकास के कारण वह समय दूर नही है जब हमारे रोजमरा के काम-काज को करने के लिए हमे अपने आस-पास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस रोबोट काम करते हुए दिखाई देंगे.
सुनने में तो यह बात बहुत अच्छी लगती है जिससे आने वाले क्रांतिकारी विकास की कल्पना हम करने लगते है लेकिन ऑक्सफ़ोर्ड की इस रिपोर्ट ने इस बदलाव पर अपनी चिंता भी प्रकट की है.
अभी वर्तमान में ट्रांसपोर्ट, मध्यम उद्योग मेंन्युफेक्चरिंग यूनिट और कृषि उद्योग में भारी संख्या में श्रमिक कार्य कर रहे है लेकिन अगर रोबोटाईशन की प्रक्रिया इन क्षेत्रों में शुरू होती है तो उसका असर इन लोगों पर ज़रूर पड़ेगा जो इन क्षेत्रों में कार्य करते है. रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि हालाकि बड़ी संख्यां में कई क्षेत्रों के श्रमिकों की नौकरियां खतरे में आ जाएगी लेकिन रोबोटाईशन के कारण कुछ नई नौकरियां दुसरे तकनीकी क्षेत्रों में देखने को मिलेगी जिसमे कंप्यूटिंग, मैनेजमेंट और मीडिया हेल्थ केयर, और सेल्स जैसे क्षेत्र शामिल होंगे.
ऑक्सफ़ोर्ड इकनोमिक ने यह रिपोर्ट बनाने के लिए आंकड़े एकत्रित करके एक सिमुलेशन बनाया जिसमे यह सभी चीजे उभरकर सामने आई है.
नौकरियों में इंसानों का काम करने के लिए रोबोट एक बेहतरीन मशीन है.
मशीने 2030 तक मेनुफेक्चरिंग में 20 मिलियन इंसानों की नौकरियों पर अपना स्वामित्व स्थापित कर लेगी.
रिपोर्ट में यह बात कही गई है कि 8.5 % मेन्युफेक्चरिंग वर्कफोर्स की जगह रोबोट ले लेंगे.
मोटर उद्योग ने अब तक 43% रोबोट का उपयोग 2016 में किया है, ऑटोमेशन काफी समय सेअस्तित्व में है यह कोई नया चलन नही है.
मशीनों की कीमत लागत गिरती जा रही है उसकी तुलना में मानव श्रम महंगा पड़ता है. इसकेअलावा इंसान के मुकाबले वे कहीं अधिक कुशलता से कार्य करने में सक्षम है
चीन जैसे देशों में पहले से ही इंडस्ट्रीज में ऑटोमेशन रोबटों का इस्तेमाल होता है, दुनिया के हर पांचवा नया रोबोट चीन में स्थापित होता है.
चीन का लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय मार्केट पर अपना प्रभुत्व कायम करना है जिसके लिए वह बड़ी संख्यां में अपने उद्योगों में ऑटोमेशन के लिए रोबोट का उपयोग कर रहा है.
ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि 2030 तक मौजूदा वृद्धि के पूर्वानुमान से रोबोट इंस्टॉलेशन को 30% तक बढ़ाने से वैश्विक जीडीपी या 5.3 ट्रिलियन डॉलर में उस वर्ष 5.3% की वृद्धि होगी.
रोबोट उत्पादकता और आर्थिक विकास में वृद्धि करने का काम कर सकते है.
रोबोटाईशन के कारण आय असमानता बढ़ सकती है.
ऑक्सफ़ोर्ड इकोनॉमिक्स की रिसर्च बताती है कि रोबोटाईजेशन के द्वारा उसके नकारात्मक प्रभाव उसी देश के उच्च आय वाले क्षेत्रों की तुलना में निम्न-आय वाले क्षेत्रों में असमान रूप से महसूस किए जा सकते है
कुल मिलाकर, ऑटोमेशन के बढ़ते उपयोग से ऑक्सफोर्ड के अध्ययन के मुताबिक, जो नौकरियां खत्म हो जाएंगी उनकी तुलना में नई नौकरियों की संभावना बढ़ जाएगी। रिपोर्ट बताती है कि सबसे अधिक रोजगार खोने की उम्मीद वाले गरीब क्षेत्रों को कौशल में अंतर के कारण इस नए रोजगार सृजन से समान रूप से लाभ नहीं होगा। इससे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ क्षेत्रों के बीच आय में असमानता बढ़ेगी।
ऑटोमेशन दुनिया की कई उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में क्षेत्रीय ध्रुवीकरण को जारी रखेगा, असमान रूप से लाभ और लागत को वितरित करेगा।”
पालिसी मेकर्स को यह सोचना पड़ेगा कि बढ़ी हुई कार्य दक्षता आय असमता के सानने कैसे कड़ी रह पाएगी.
वरमोंट के सीनेटर बर्नी सैंडर्स, ने अपने एक कथन में यह कहा था कि यह बड़ी चिंता की बात है कि कृत्रिम बुद्धि और रोबोटिक्स किस तरह से इंसानों के लिए खतरा हो सकते है. इसी के साथ साथ उन्होंने कहा था कि
हमें यह सुनिश्चित करने के लिए एक लंबी चर्चा करने की आवश्यकता है कि लाखों श्रमिकों को रोबोटिक्स के कारण सड़क पर नहीं फेंका जाता है।”
Web Title: How Robots Will Make Work More Human
Feature Image: Working Robot Animation (Pic: marketwatch.com)