कोई व्यक्ति जो पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन समिति द्वारा वहन किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के बाद क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो कार्यक्रम निरस्त माना जाएगा।
जिला प्रशासन ने दशहरा और दुर्गा पूजा के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। कोरोना वायरस संक्रमण के नियंत्रण और बचाव के लिए निर्धारित निर्देशों का पालन करने पर ही त्योहार मनाने की अनुमति होगी। अपर कलेक्टर विनीत नन्दनवार ने 30 अक्टूबर को होने वाले दशहरा उत्सव और पुतला दहन के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने यह दिशा निर्देश पुतला दहन आयोजकों से साथ हुई बैठक के बाद जारी किया है।
निर्देश के अनुसार तहत 10 फीट से अधिक ऊंचाई के रावण के पुतलों का दहन किसी रहवासी इलाके में नहीं जाएगा। पुतला दहन खुले स्थान पर किया जाए। कार्यक्रम में समिति के मुख्य पदाधिकारी समेत केवल 50 व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति दी गई है। इसके लिए 10 दिन पहले निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ-पत्र देना होगा। अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही पुतला दहन कर सकेंगे।
पुतला दहन के लिए ये शर्तें
- आयोजन के दौरान केवल पूजा करने वाले व्यक्ति शामिल होंगे
- अनावश्यक भीड एकत्रित न होने देने की जिम्मेदारी आयोजकों की होगी।
- दहन कार्यक्रम का प्रसारण ऑनलाइन माध्यमों से किया जाएगा।
- पुतला दहन के दौरान आयोजन की वीडियोग्राफी करानी होगी
- पुतला दहन कार्यक्रम में आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर एक रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा।
- आयोजन समिति कार्यक्रम स्थल पर 04 सीसीटीवी लगाएगा, जिससे कोई कोरोना संक्रमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके।
- पूर्व में ही सोशल मीडिया कार्यक्रम सीमित रूप से किया जाएगा।
- सोशल और फिजिकल डिस्टेंसिंग, मास्क लगाना और समय-समय पर सेनिटाइजर का उपयोग करना अनिवार्य होगा।
- रावण दहन स्थल से 100 मीटर के दायरे में आवश्यकतानुसार अनिवार्यरूप से बेरिकेटिंग कराया जाए।
- किसी भी प्रकार के वाद्य यंत्र, ध्वनि विस्तारक यंत्र डीजे धुमाल, बैंड पार्टी बजाने की अनुमति नहीं होगी।
- रावण पुतला दहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी।
- पुतला दहन में कहीं भी सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण, पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।
- एक आयोजन स्थलों की बीच की दूरी 500 मीटर से कम नहीं होनी चाहिए।
- प्रदूषण नियंत्रण के लिये निर्धारित मानकों, कोलाहल अधिनियम का पालन करना होगा।
थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर से करनी होगी जांच
समिति द्वारा सेनिटाइजर, थर्मल स्क्रिनिंग, आक्सीमीटर, हैडवॉश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाए जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाए जाने पर कार्यक्रम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसकी जिम्म्मेदारी आयोजन समिति की होगी। कार्यक्रम आयोजन के दौरान अग्निशमन की पर्याप्त व्यवस्था करना अनिवार्य होगा।
संक्रमित होने वाले के इलाज का खर्च उठाएगी समिति
कोई व्यक्ति जो पुतला दहन स्थल पर जाने के कारण संक्रमित हो जाता है, तो इलाज का संपूर्ण खर्च पुतला दहन समिति द्वारा वहन किया जाएगा। कंटेनमेंट जोन में पुतला दहन की अनुमति नहीं होगी। पुतला दहन कार्यक्रम के अनुमति के बाद क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है, तो कार्यक्रम निरस्त माना जाएगा।