उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जान हमारे लिए महत्वपूर्ण है और शासन व प्रशासन पूरी तरह से कोरोना संक्रमित लोगों को बचाने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहा है और गांव में फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है।
योगी ने सोमवार को यहां कलेक्ट्रेट में बने कोविड सेंटर का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण को काबू करने के सबंध में बैठक की। इस मौके पर संवाददाताओं से कहा कि कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने के संबंध में सरकार द्वारा उठाये जा रहे कदमों की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जान हमारे लिए महत्वपूर्ण है और शासन व प्रशासन पूरी तरह से कोरोना संक्रमित लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना वारियर्स इस आपदा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है यदि उन पर किसी व्यक्ति ने हमला किया तो प्रशासन ऐसे लोगों के साथ सख्ती के साथ पेश आयेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में फैलते संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर ली है और पांच मई से घर-घर जाकर निगरानी समितियां जांच कर रही है यदि किसी को कोविड का लक्षण भी पाया जाता है उसे मेडिकल किट दी जा रही है। होम आइसोलेशन की भी व्यवस्था की गयी है प्रदेश के प्रत्येक गांव प्रधान को निर्देश दिया गया है कि वे अपने अपने गांव में पांच बेड की व्यवस्था करें ताकि वहां आइसोलेट मरीजों को रखा जा सके।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी को भी भूख से नहीं मरने दिया जाएगा। सरकार ने पूरे प्रदेश में जगह जगह कम्युनिटी किचन की स्थापना की है। जनपद मुजफ्फरनगर में भी सरकार के साथ मिलकर अनेक स्वयंसेवी संस्थाएं कोविड मरीजों और उनके तीमारदारों को भोजन उपलब्ध करा रही है।
योगी ने कहा कि आशंका जताई जा रही है कोविड का तीसरा फेस आने वाला है जो कि बच्चों पर भारी पड़ेगा। बच्चों में भी इस बीमारी को रोकने के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था कर ली है बच्चों के लिए इलेक्ट्रिक आईसीयू बनाये जा रहे है। इसके अलावा ब्लैक फंगस के मरीजों की भी जांच कर उन्हें दवाई दी जा रही है।
उन्होंने सभी से अपील की है कि भय के बजाय धैर्य रखें। उन्होंने कहा कि कोरोना पर विजय तभी प्राप्त की जा सकती है जब हम सब सतर्कता और सुरक्षा अपनायेंगे। साठ साल के बुजुर्ग व बीमारी से ग्रसित व्यक्ति व गर्भवती महिलाएं घरों से बाहर न निकले। दस साल तक की उम्र के छोटे बच्चों को घर में ही रखे, जरा सी भी परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सालय में जाकर संपर्क करें। यदि सब सुरक्षा चक्र अपनायेंगे तो निश्चित तौर पर हम विजयी होगे और कोराना हारेगा।