देश की राजधानी
दिल्ली में कुद ही महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने वाले है. राजधानी में इस वक्त
जो राजनीतिक माहौल है उसको देखकर अदांजा लगाना बेहद मुश्किल है कि हवा किस तरह बह रही
है. पिछले विधानसभा चुनावो में एक भी सीट ना जीतने वाली कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली
में हुए पिछले तमाम चुनावो में ये साबित किया है कि वो देश की राजधानी में अपनी जमीन
वापस पाने के रास्तो पर निकल पड़ी है. भारतीय जनता पार्टी मोदी मैजिक के विजय रथ पर
सवार हुए अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनावो में दिल्ली की सातो सीटो पर जीतकर इस बार
होने वाले विधानसभा चुनावों में अपना मजबूत दावा पेश कर रही है. वही शुरूआत में धमाकेदार
शुरूआत करने के बाद बीच में अपने ट्रेक से उतरने वाली आम आदमी पार्टी दोबारा अपने ट्रेक
पर आती हुई दिखाई दे रही है. ये सभी पार्टियो के अलावा एक पार्टी ऐसी भी है जो इस बार
के सियासी समर में दिल्ली मे जन्म लेने वाली है और जिसके बारे में ये भी कहा जा रहा
है कि वो दिल्ली में किंगमेकर की भूमिका भी निभा सकती है.
कांग्रेस की हरियाणा ईकाई के पुर्व अध्यक्ष जिनका नाम
अशोक तंवर है. उन्होने ऐलान कर दिया है कि दिल्ली में विधानसभा चुनावो से पहले एक
नई पार्टी का ऐलान करने वाले है. ये वही अशोक तंवर है जिनके आसपास कभी हरियाणा में
कांग्रेस की राजनीति चक्कर लगाया करती है. अशोक तंवर हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव
से पहले अपनी पार्टी से नाराज हो गये थे. उनकी नाराजगी की वजह ये थी कि उन्होने हरियाणा
में कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटा दिया गया था और उनकी जगर कुमारी शैलजा को हरियाणा
में कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया था. इसी बात पर वो कांग्रेस पार्टी से अलग हो
गये थे और उन्होने दुश्यन्त चौटाला की जेजेपी को अपना सर्मथन दे दिया था.
अशोक तंवर अब हरियाणा से निकल कर दिल्ली की राजनीति में कूदने वाले है. ये तो आने
वाले वक्त में बता चल पायेगा कि उनके दिल्ली आने की वजह से किस पार्टी को सबसे ज्यादा
नुकसान उठाना पड़ेगा.