देश में आपातकाल के हटने एवं लोकतंत्र बहाली की 34वीं वर्षगांठ को लोकतंत्र विजय दिवस के रूप में मनाया गया और कहा गया कि आपातकाल के दौरान लाखों कार्यकर्ताओं ने लोकतंत्र की रक्षा की खातिर प्राणपण से संघर्ष किया और आजादी के बाद देश को दूसरी आजादी दिलायी।
राजधानी में रविवार देर शाम को लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘लोकतंत्र विजय दिवस’ में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, राज्यसभा सांसद एवं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद एवं लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी, सांसद रामचन्द्र जांगड़ा, सांसद अशोक बाजपेयी, पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ. सत्यनारायण जटिया, पूर्व सांसद जनता दल यूनाइटेड के महासचिव के सी त्यागी सहित अनेक लोकतंत्र सेनानियों ने भाग लिया।
रुपाला ने अपने संबोधन में आपातकाल में यातनाएं सहकर भी संघर्ष में योगदान देने वाले लोकतंत्र सेनानियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि आपातकाल आजादी के बाद लोकतंत्र की आजादी (बहाली) के लिए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की तरह दूसरा संग्राम था। आपातकाल के दौरान लाखों कार्यकर्ताओं ने सत्याग्रह करके लोकतंत्र की बहाली के लिए जेल में अनेक यातनाएं सहीं। लाखों कार्यकर्ताओं के आंदोलन के कारण 21 मार्च 1977 को पूर्ण लोकतंत्र कायम हुआ।
रुपाला ने कहा कि उनका प्रयास होगा कि लोकतंत्र सेनानियों को केन्द्र सरकार द्वारा सम्मान दिया जाये। आजादी के आंदोलन में एक परिवार के योगदान को प्रचारित किया गया। वक्त की मांग हैे कि देश को सही इतिहास बताया जाये। भारत के नागरिक अत्यंत उदार मनोवृत्ति के हैं अन्यथा लोकतंत्र की हत्या करने वाली कांग्रेस को हमेशा के लिए दफ़न कर देती। भारतीय जनमानस की उदारता ही थी कि 1980 में पुनः कांग्रेसी को बहुमत देकर सरकार बना दी |
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री एवं सांसद मोदी ने कहा कि जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ी गयी। जयप्रकाश नारायण ने देश की युवा पीढ़ी को यह भी बताया था कि आन्दोलन में किसी प्रकार की हिंसा नहीं हो जिसका युवा पीढ़ी ने उस समय पालन किया था। अहिंसक आन्दोलन से सत्ता परिवर्तन हो सकता है यह जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में संभव हुआ था। आपातकाल के बाद हुए चुनाव में अनेक कीर्तिमान स्थापित हुए थे। सन 1977 में हुए आम चुनाव में जनता पार्टी का औपचारिक गठन बाद में हुआ था पहले जनता पार्टी की सरकार बनी थी। यह भ्रम भी 1977 में टूटा था कि केंद्र में गैर कांग्रेसी सरकार नहीं बन सकती। मोदी ने कहा कि आपातकाल के पीड़ितों को केंद्र और राज्य सरकारें सम्मानित करें इसके लिए वे प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सोनी ने कहा कांग्रेस ने आपातकाल की जुल्म और ज्यादतियों के लिए देश से आज तक माफ़ी नहीं मांगी। आपातकाल में आन्दोलनकारियों पर जो अत्याचार किये गए उसके बारे में जनसामान्य को बताये जिससे कांग्रेस हमेशा के लिए लोगो के नजरो में गिर सके।
पूर्व सांसद त्यागी ने कहा कि इंदिरा गाँधी की तानाशाही मनोवृत्ति के कारण वे अपने आप को पार्टी और देश से ऊपर समझने लगी थीं। जनता पार्टी की तत्कालीन सरकार ने संविधान में ऐसा संशोधन किया है कि भविष्य में कभी भी कोई तानाशाह पैदा नहीं हो सके।
लोकतंत्र विजय दिवस कार्यक्रम पूरे देश के लोकतंत्र सेनानी शामिल हुए। दिल्ली प्रदेश सेनानी संघ के अध्यक्ष राजन ढींगरा ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष संतोष शर्मा, गोविन्द भरद्वाज चंडीगढ़, सूर्य मणि सिंह रांची, एल एन जी बाबु चेन्नई , तपन भौमिक, सुरेन्द्र द्विवेदी एवं सुरेश अग्रवाल मध्य प्रदेश, सतीश शर्मा एवं राजकुमार सपरा दिल्ली सहित विभिन्न प्रान्तों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।