प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने को बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए) के तहत कार्रवाई करते हुए अंतराष्ट्रीय गैर सरकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैंक अकाउंट को जब्त करने के लिए प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी किया गया है।
ईडी ने बताया कि एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स इंडियंस फॉर एमनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट की 17.66 करोड़ रुपये की विभिन्न अचल सम्पतियों की कुर्की की जा रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी के आधार पर ईडी इंडियंस फॉर एमेनेस्टी इंटरनेशनल ट्रस्ट, एमेनस्टी इंडरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा एमनेस्टी इंटरनेशनल साउथ एशिया फाउंडेशन के खिलाफ जांच कर रही है।
इन सभी संस्थाओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 की धारा 120-बी, और विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) की धारा 11, 35 तथा विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम, 2010 की धारा 39 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
जांच एजेंसी ने कहा, "एमनेस्टी इंटरनेशनल यूके से विदेशी योगदान प्राप्त करने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट (एआईआईएफटी) को 2011-12 के दौरान एफसीआरए की अनुमति दी गई थी।" ईडी ने बताया कि अनुमति हालांकि प्रतिकूल जानकारी के आधार पर रद्द कर दी गई थी।
ईडी ने कहा, “चूंकि वर्ष 2011-12 के दौरान सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त प्रतिकूल सूचनाओं के आधार पर उक्त इकाई को अनुमति और पंजीकरण से वंचित किया गया था। एआईआईपीएल और आईएआईटी का गठन एफसीआरए मार्ग से बचने के लिए क्रमशः 2013-14 और 2012-13 में किया गया था। इनकी स्थापना का मकसद सर्विस एक्सपोर्ट और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की आड़ में गैर सरकारी गतिविधियों को चलाना था।