गुजरात में बंगालियों का खास पर्व दुर्गापूजा महोत्सव गुरुवार से शुरू हो गया।
साबरमती दुर्गोत्सव कमेटी के आशिष दा ने बताया कि घट स्थापन के साथ शुरू हुआ दुर्गा पूजा महोत्सव 26 अक्टूबर तक न्यू सी जी रोड़ पर स्वागत स्टेटस-2 में कोरोना महामारी के चलते तीन-चार लोगों की उपस्थिति में मनाया जाएगा। छोटे-छोटे बच्चों ने आज सुबह जल्दी तैयार होकर अपने-अपने घरों में उत्साह से प्रसन्न मुद्राओं में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हुए फोटो खिचवायीं। दुर्गा पूजा के दौरान मां के आगमन से ही घर और मन खुशियों से भर जाता है। घर में सुख-शांति और मनोकामना पूर्ण होने की आस से कई लोग तीन दिन व्रत भी रखते हैं।
महाषष्ठी पर आज सुबह पूजा, पुष्पांजलि, आमंत्रण और अधिबास, महासप्तमी पर 23 अक्टूबर को नबा प्रतिका-सप्तमी पूजा, पुष्पांजलि, भोग आरती, पूजा, चंडीपाठ, संध्या आरती, महा अष्टमी 24 अक्टूबर को अष्ठमी पूजा, पुष्पांजलि और भोग आरती,पूजा, चंडीपाठ, सांधी पूजा और पुष्पांजलि, सांध्य आरती, महानवमी पर 25 अक्टूबर को नवमी पूजा, पुष्पांजलि, आरती, पूजा, चंडी पाठ, सांध्य आरती, दशमी को बिजोय दशमी पूजा, पुष्पांजलि, अपराजिता पूजा, दधी कर्मा, सिंदूर खेला, प्रतिमा विसर्जन होगा। लेकिन लोगों की भीड़ नहीं दिखाई देगी।
उन्होंने बताया कि साबरमती रेलवे कालोनी में हर साल की तरह इस साल मां दुर्गा, महादेव, कार्तिक, गणेश जी, लक्ष्मी जी, मां काली, सरस्वती की मूर्तियां, पंडाल बनाने, पंडाल में डेकोरेशन करने के लिए कोलकाता से कारीगरों को नहीं बुलाया गया है। मां दुर्गा, महादेव, कार्तिक, गणेश जी, लक्ष्मी जी, मां काली, सरस्वती की तस्वीर और घट स्थापन कर दुर्गा पूजा की जाएगी। पिछले 49 साल से यहां अलग-अलग थीम पर पंडाल सजाया जाता था पर इस साल ना मूर्तियां बनेंगी ना ही पंडाल सजेगा। कोराने के कारण इस साल 49 साल में पहली बार दुर्गा पूजा के लिए जगह बदली गयी है।